Kharmas 2025 Date: इस दिन से शुरू हो रहे खरमास, एक महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर रोक, जानिए कब से शुरू होंगे शुभ कार्य?

पौष कृष्ण द्वादशी से शुरू होने वाला खरमास, सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ प्रभावी हो जाएगा। यह मास भगवान नारायण की आराधना, दान-पुण्य और सेवा का विशेष समय माना जाता है, जिसमें धार्मिक गतिविधियां और पुण्य कर्म महत्वपूर्ण होते हैं।

  •  
  • Publish Date - December 7, 2025 / 01:08 PM IST,
    Updated On - December 7, 2025 / 01:11 PM IST

(Kharmas 2025 Date/ Image Credit: IBC24 News Customize)

HIGHLIGHTS
  • 16 दिसंबर से पौष कृष्ण द्वादशी से शुरू होगा खरमास।
  • एक माह तक विवाह, गृह प्रवेश और संपत्ति के कार्य वर्जित रहेंगे।
  • धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और सेवा पर ध्यान देना शुभ है।

Kharmas 2025 Date: सनातन धर्म में खरमास को अत्यंत पवित्र और महत्व वाला माना जाता है। इस वर्ष यह 16 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। पौष कृष्ण द्वादशी के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इस क्षण से पूरे एक माह तक विवाह, गृह प्रवेश, वाहन या संपत्ति से जुड़े सभी मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे।

कब खत्म होगा खरमास और कब से शुरू होंगे शुभ कार्य

खरमास की अवधि 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2026 की रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, खरमास समाप्त हो जाएगा। मकर संक्रांति के पुण्यकाल में सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही विवाह और अन्य मांगलिक कार्य फिर से संपन्न किए जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य धनु और मीन राशि में रहते समय गुरु का प्रभाव कमजोर होता है, इसलिए वैवाहिक और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र का बल होना जरूरी माना जाता है।

धार्मिक महत्व और भगवान नारायण की आराधना

खरमास को भगवान नारायण की विशेष आराधना, दान-पुण्य और सेवा का मास माना गया है। इस दौरान विष्णु सहस्रनाम, पुरुष सूक्त, भागवत पाठ, आदित्य हृदय स्तोत्र, सत्यनारायण कथा, अन्न-दान, वस्त्र-दान, गौ-सेवा और ब्राह्मणों को अन्न-फल अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि श्रद्धा और भक्ति से किए गए उपासना कार्य से नारायण और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए आगामी शुभ तिथियां

बनारसी पंचांग के अनुसार फरवरी में 4 से 26 तक कई शुभ तिथियां उपलब्ध हैं। मार्च में 2 से 14 तक भी विवाह योग्य तिथियां रहेंगी। वहीं, मिथिला पंचांग के अनुसार जनवरी में 29, फरवरी में 5, 6, 8, 15, 19, 20, 22, 25, 26 और मार्च में 4, 9, 11, 13 को विवाह के लिए विशेष शुभ मुहूर्त बताए गए हैं।

इन्हें भी पढ़ें:

खरमास कब शुरू हो रहा है?

16 दिसंबर 2025 से पौष कृष्ण द्वादशी से खरमास शुरू होगा।

खरमास कब तक रहेगा?

यह अवधि 16 दिसंबर 2025 से 14 जनवरी 2026 की रात 9:19 तक रहेगी।

खरमास में कौन-कौन से काम वर्जित हैं?

विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीद, संपत्ति क्रय-विक्रय जैसे सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं।

खरमास में क्या धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं?

इस दौरान भगवान नारायण की आराधना, दान-पुण्य, सेवा, विष्णु सहस्रनाम, सत्यनारायण कथा आदि करना शुभ माना जाता है।