130 साल बाद बन रहा महायोग, बुद्ध पूर्णिमा पर लगेगा चंद्र ग्रहण, सुखी जीवन के लिए रखें ये सावधानी

Lunar eclipse on Buddha Purnima: चंद्र ग्रहण पूर्णिमा की रात यानी 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और इसकी समाप्ति रात 1:00 बजे होगी। इस चंद्र ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा जिस चलते इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

130 साल बाद बन रहा महायोग, बुद्ध पूर्णिमा पर लगेगा चंद्र ग्रहण, सुखी जीवन के लिए रखें ये सावधानी

Buddha Purnima 2023

Modified Date: April 30, 2023 / 09:43 pm IST
Published Date: April 30, 2023 9:38 pm IST

Buddha Purnima and chandra grahan 2023 :इस साल पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन हेाने वाला है। चंद्र ग्रहण का अत्यधिक धार्मिक महत्व भी होता है। बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वहीं ग्रहण लगना एक भौगोलिक घटना है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत बताई जाती है। इस दिन महायोग भी बन रहा है। पूरे 130 साल बाद चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा के दिन महायोग बन रहा है।

ये है बुद्ध पूर्णिमा का मुहूर्त

बता दें कि इस साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। इस चंद्र ग्रहण को उपच्छाया चंद्र ग्रहण बताया जा रहा है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा की रात यानी 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और इसकी समाप्ति रात 1:00 बजे होगी। इस चंद्र ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा जिस चलते इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

Buddha Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई रात 11 बजकर 34 मिनट से शुरू हो रही है और इसकी समाप्ति 5 मई की रात 11 बजकर 3 मिनट पर होगी वैशाख पूर्णिमा की उदयातिथि 5 मई के दिन है इसीलिए पूर्णिमा का स्नान, दान और पूजा आदि 5 मई के दिन ही किया जाएगा।

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पूर्णिमा के दिन स्नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 12 मिनट से 4 बजकर 55 मिनट बताया जा रहा है। चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय 5 मई शाम 6 बजकर 45 मिनट पर है।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन भूलकर भी ना करें ये गलतियां

1.मान्यतानुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन, शराब और मांसाहार आदि खाने से परहेज करना चाहिए।
2.चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग व रोगग्रस्त लोगों को खास सावधानी बरतने के लिए कहते हैं।
3.बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी मुक्ति और अहिंसा के रूप में चिड़ियों और जानवरों को पिंजरे से आजाद कर देते हैं।
4.इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित कहा जाता है। पूर्णिमा तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ने पर भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com