Mata ki Tekri Dewas: दो बहनों का वास है ये मंदिर.. तुलजा भवानी से नाराज होकर मां चामुंडा ने बदल लिया रास्ता, जानिए रहस्यमय तथ्य

Mata ki Tekri Dewas: दो बहनों का वास है ये मंदिर.. तुलजा भवानी से नाराज होकर मां चामुंडा ने बदल लिया रास्ता, जानिए रहस्यमय तथ्य

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  • Publish Date - October 21, 2023 / 03:43 PM IST,
    Updated On - October 21, 2023 / 03:45 PM IST

Mata ki Tekri Dewas

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Mata ki Tekri Dewas: देवास। माता की टेकरी को दो बहनों की शक्तिपीठ भी कहा जाता है। आपको बता दें कि मां तुलजा भवानी, चामुंडा माता की बड़ी बहन मानी जाती हैं। पहले दोनों एक-दूसरे के पास में ही विराजमान थीं। लेकिन, बाद में दोनों के बीच में पर्वत की दरार आ गई, जिसके बाद से तुलजा भवानी दक्षिण की ओर और मां चामुंडा उत्तर की ओर मुंह करके विराजित हैं।

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अनादि काल से इस धरती पर शक्ति की उपासना होती आ रही है। सर्वोच्च शक्ति के रूप में पूजे जाने वाली आदि शक्ति दुर्गा को विभिन्न स्वरूपों में पूजा जाता है। उनके कई रूप हैं और उन्हीं में से एक है देवी चामुंडा का। माता तुलजा भवानी मां चामुंडा की बड़ी बहन हैं। इसलिए उन्हें बड़ी माता के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि पहले मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा दोनों एक दूसरे के पास में विराजमान थीं। लेकिन, धीरे-धीरे श्रद्धालुओं के बीच तुलजा भवानी की ख्याति बढ़ने लगी, जिससे नाराज़ होकर छोटी बहन देवी चामुंडा पर्वत को चीरकर दूसरी ओर चली गईं।

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बड़ी माता तुलजा भवानी के पीछे पर्वत पर पड़ी इस दरार को इसी कहानी से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि दोनों बहनों की शक्तिपीठ अब भी पास-पास ही है। लेकिन, जहां तुलजा भवानी दक्षिण की ओर मुंह की हुई हैं तो वहीं, देवी चामुंडा उत्तरमुखी होकर टेकरी पर विराजमान हैं। माता टेकरी में आने पर दर्शन परिक्रमा देवी तुलजा भवानी से शुरू होती है और देवी चामुंडा के दर्शन के साथ पूरी होती है।

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टेकरी में विराजित छोटी माता यानी देवी चामुंडा पवार राजवंश की कुलदेवी हैं। उनके दर्शन करने वाला भक्त बड़ी माता यानी तुलजा भवानी के भी दर्शन ज़रूर करता है। तुलजा भवानी मराठों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में जानी जाती हैं। इसके साथ ही उसे भैरव बाबा का भी दर्शन करना भी अनिवार्य होता है तब जाकर माता टेकरी का दर्शन पूरा होता है।

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