Mahabharat Katha : महाभारत में किस चिंता की वजह से श्री कृष्ण ने चली ऐसी चाल, जिसे देख सब रह गए दंग और बच गयी अर्जुन की जान..?

Due to which concern did Shri Krishna play such a trick in Mahabharata, seeing which everyone was stunned and Arjun's life was saved..?

Mahabharat Katha : महाभारत में किस चिंता की वजह से श्री कृष्ण ने चली ऐसी चाल, जिसे देख सब रह गए दंग और बच गयी अर्जुन की जान..?

Mahabharat mein shri krishna ki chaalein

Modified Date: June 9, 2025 / 07:03 pm IST
Published Date: June 9, 2025 7:03 pm IST

Mahabharat Katha : कर्ण महाभारत (महाकाव्य) के नायक है। महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत कर्ण और पांडवों के जीवन पर केन्द्रित है | जीवन अंतत विचार जनक है। कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारियों में से एक थे। कर्ण पांच पांडवों के सबसे बड़े छठे भाई थे। भगवान परशुराम ने स्वयं कर्ण की श्रेष्ठता को स्वीकार किया था।
कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है क्योंकि कर्ण ने कभी भी किसी माँगने वाले को दान में कुछ भी देने से कभी भी मना नहीं किया भले ही इसके परिणामस्वरूप उसके अपने ही प्राण संकट में क्यों न पड़ गए हों। इसी से जुड़ा एक वाक्या महाभारत में है जब अर्जुन के द्वारा भगवान इन्द्र ने कर्ण से उसके कुंडल और दिव्य कवच माँगे और कर्ण ने दे दिए।

Mahabharat Katha : कर्ण की छवि आज भी भारतीय जनमानस में एक ऐसे महायोद्धा की है जो जीवन भर प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ता रहा। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि कर्ण को कभी भी वह सब नहीं मिला जिसका वह वास्तविक रूप से अधिकारी था। महाभारत कथा में कर्ण अहम पात्र है और वह कौरवों की तरफ से अर्जुन को हरा सकने वाले एकमात्र योद्धा थे। उनकी धनुर्विद्या और अस्त्र शस्त्र अर्जुन को मात दे सकते थे। ऐसे में श्रीकृष्ण को बोध एवं चिंता थी कि कर्ण पांडवों की हार की वजह बन सकते हैं इसलिए उन्होंने एक ऐसी चाल चली जिससे अर्जुन की जान बची।

Mahabharat Katha

 ⁠

खुद भगवान श्रीकृष्ण भी मानते थे कि कर्ण के बराबर कोई दानी नहीं है और कर्ण के अस्त्र शस्त्रों का तोड़ अर्जुन के पास भी नहीं था। महाभारत की कथा में कुंती पुत्र कर्ण के साहस और दानवीरता के किस्से भरे हुए हैं। लेकिन कर्ण ने गलत पक्ष चुना था। उन्होंने मित्रता वश दुर्योधन का साथ दिया, जिस वजह से वह अधर्म के रास्ते पर बढ़ते चले गए। भले ही कर्ण अधर्म के रास्ते पर थे, लेकिन उनके पास अपने पिता सूर्य का एक ऐसा आशीर्वाद था जिससे उन्हें हराना नामुमकिन था। श्रीकृष्ण यह बात जानते थे इसलिए उन्होंने महाभारत में ऐसी चाल चली, जिससे न सिर्फ अर्जुन की जान बची बल्कि पांडवों की जीत भी सुनिश्चित हुई। आइये जानते हैं वासुदेव श्रीकृष्ण की अद्भुत लीला के बारे में।

Mahabharat Katha

कर्ण की कहानी एक दुखी और संघर्ष पूर्ण कहानी है। कुंती ने उसे गंगा में बह जाने के बाद, दुर्योधन ने उसे अंग का राजा बनाया। कथा इस प्रकार है कि दुर्वासा ऋषि के वरदान के कारण कुंती ने उत्सुकतावश सूर्य देव का आह्वान किया था। जिससे उन्होंने कर्ण को जन्म दिया, लेकिन लोकलाज के भय से कुंती ने कर्ण को गंगा में प्रवाहित कर दिया था। लेकिन हस्तिनापुर के सारथी अधिरथ ने कर्ण को बचाया और पाला पोसा। चूंकि सूर्यदेव के तेज से कर्ण का जन्म हुआ था इसलिए कर्ण को जन्म से ही दिव्य कवच और कुंडल प्राप्त थे। सूर्यदेव के ये कवच और कुंडल अभेद्य थे। इन्हें पहनने वाले को कोई भी शस्त्र नुकसान नहीं पहुंचा सकता था।

जब महाभारत के युद्ध में कर्ण अपने मित्र दुर्योधन की तरफ से कौरव सेना में शामिल हुए तो तभी से श्रीकृष्ण को पता था कि कर्ण के ये अभेद्य कवच और कुंडल महाभारत के युद्ध की दशा और दिशा बदल सकते हैं। चूंकि श्रीकृष्ण को पता था कि कर्ण के बराबर दानवीर कोई नहीं है। ऐसे में उन्होंने देवराज इंद्र के साथ कर्ण से दिव्य कवच और कुंडल मांगने की योजना बनाई। यह बात सूर्य देव को पता चल गई तो उन्होंने कर्ण के सपने में आकर सारी बात बताई और कहा कि तुम इंद्र को कवच-कुंडल मत देना, लेकिन दानवीर कर्ण ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने दरवाजे पर आए किसी को भी खाली हाथ नहीं लौटाते हैं। इस पर सूर्य देव ने अपने पुत्र से कहा कि ठीक है तुम दिव्य कवच और कुंडल दे देना लेकिन इसके बदले इंद्र से शक्ति बाण मांगना। कर्ण ने ठीक ऐसा ही किया।

Mahabharat Katha

जब इंद्र कर्ण के पास दिव्य कवच और कुंडल मांगने के लिए आए तो कर्ण ने कहा, मैं आपको अपने कवच और कुंडल दे दूंगा लेकिन आपको मुझे इसके बदले में एक शस्त्र देना होगा। देवराज इंद्र ने पूछा, क्या, तब कर्ण ने कहा कि आप मुझे शक्ति बाण दीजिए। इस पर इंद्र देव ने हामी भर दी लेकिन उन्होंने कहा कि तुम इसे एक ही बार इस्तेमाल कर पाओगे, इसके बाद यह मेरे पास वापस आ जाएगा। कर्ण इसके लिए तैयार हो गए। इस प्रकार कर्ण के पास शक्ति बाण आ गया, जिसके बारे में कहा जाता था कि यह अपने लक्ष्य को भेदकर ही वापस आता है। इसके बाद श्रीकृष्ण की चिंता और बढ़ गई। उन्हें पता था कि इस बाण को कर्ण ने अर्जुन के लिए ही बचाकर रखा है।
अब अर्जुन को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने फिर एक चाल चली। उन्होंने भीम और राक्षसी हिडिंबा के पुत्र घटोत्कच को पांडवों की तरफ से लड़ने के लिए बुलाया। घटोत्कच के बारे में कहा जाता था कि वह बेहद शक्तिशाली और विशालकाय था। वह युद्ध नीति में कुशल था। महाभारत युद्ध के आठवें और नौवें दिन घटोत्कच ने कौरव सेना में हाहाकार मचा दिया। उसने दुर्योधन और दुशासन को भी घायल कर दिया। इसके बाद 10वें और 11वें दिन भीष्म पितामह और घटोत्कच के बीच युद्ध हुआ। भीष्म के सभी बाणों को घटोत्कच निगल गया। इस पर भीष्म ने हार मानते हुए अपना रथ अर्जुन की तरफ कर लिया। 12वें और 13वें दिन अभिमन्यु और घटोत्कच ने कौरव सेना के छक्के छुड़ा दिए। जब घटोत्कच को अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारने के बारे में पता चला तो उसने दुशासन के पुत्र दुर्मासन का वध कर दिया।

———–

Read More : यहाँ पढ़ें और सुनें 

Somwar vrat katha : सोमवार की व्रत कथा का क्या है महत्व ? भगवान शिव क्यों होते हैं सोमवार की व्रत कथा से बेहद्द प्रसन्न ?

Shiv Stuti : “आशुतोष शशांक शेखर” एक ऐसी मनमोहक स्तुति जिसे सुनने मात्र से ही चुटकियों में तय हो जायेगा फर्श से अर्श तक का सफर

Rudrashtakam : रोज़ाना प्रातः श्री रुद्राष्टकम का पाठ सुनने मात्र से ही विफल हो जाएँगी सभी बुरी शक्तियां, भगवान शिव की बनी रहेगी विशेष कृपा

Banke bihari Aarti : प्रत्येक बुधवार इस आरती को गाने से मन को मिलेगी शांति, जीवन में होगा खुशियों का आगमन और चमक उठेगी किस्मत

Bhagavad Geeta Aarti : श्रीमद भगवद गीता का पाठ करने के पश्चात् ज़रूर गायें ये आरती, जीवन में संतुलन के साथ होगा आत्मिक शांति का अनुभव

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.