इन मंत्रों का जाप कर करें मां दक्षिण काली का पूजन, दुखों का होगा नाश, दूर हो जाएंगे सभी संकट
Mahakali Mantra Jaap and Poojan : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आमतौर पर महाकाली की उपासना और आराधना स्नयासी और तांत्रिक करते हैं।
Mahakali Mantra Jaap and Poojan
नई दिल्ली। Mahakali Mantra Jaap and Poojan : सनातन धर्म में महाकाली के लाखों भक्त हैं। महाकाली मां दुर्गा का ही स्वरूप हैं। शास्त्रों में देवी के इस रूप को बहुत शक्तिशाली माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आमतौर पर महाकाली की उपासना और आराधना स्नयासी और तांत्रिक करते हैं। लेकिन वहीं कुछ मंत्र ऐसे भी हैं, जिन्हें कोई भी साधक जप सकता है। इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति के ऊपर आने वाला हर संकट टल जाता है।
Mahakali Mantra Jaap and Poojan : ज्योतिष शास्त्र में महाकाली के ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में बताया गया है, जिनके जाप से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। मान्यता है कि इन मंत्रों के जरिए दक्षिण काली का आह्वान किया जाता है। अगर आप शत्रुओं का विनाश करना चाहते हैं, तो इन मंत्रों को विधिपूर्वक जपने से जल्द फल की प्राप्ति होती है। लेकिन महाकाली के इन मंत्रों का जाप करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि मंत्रों का गलत उच्चारण कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकता हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि कमजोर दिल के लिए मां काली की साधना से दूर रहें। साथ ही, इस मंत्र का जाप करते समय इस बात का भी खास ख्याल रखें कि किसी के अनहित के लिए इन मंत्रों का जाप भूलकर भी न करें। ऐसा करने पर आपको प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
मां काली के इन मंत्रों को करें जाप-
– ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
1. एकाक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं
2.तीन अक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं
3.पांच अक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्
4.सप्ताक्षरी काली मंत्र – ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा
5.श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं
6.श्री दक्षिणकाली मंत्र – क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा
7.श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा
8.श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा
9.भद्रकाली मंत्र – ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा
10.श्री शमशान काली मंत्र – ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं

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