Mahaveer swami ki Aarti : भगवान महावीर की कृपा पाने के लिए पढ़ें 3 मनमोहक आरतियां…

Mahaveer swami ki Aarti : भगवान महावीर की कृपा पाने के लिए पढ़ें 3 मनमोहक आरतियां…

Bhagwan Mahaveer ji ki Aarti

Modified Date: August 7, 2024 / 02:09 pm IST
Published Date: August 7, 2024 1:48 pm IST

Mahaveer swami ki Aarti : महावीर जयंती के दिन भगवान महावीर जी की पूजा एवम मंत्र जाप के पश्चात् आरती ज़रूर करनी चाहिए. इससे भगवान प्रसन्न होकर साधक की सारी मनोकामना पूरी करते हैं 

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Mahaveer swami ki Aarti : महावीर स्वामी की आरती

जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो।
कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो॥ ॥ ॐ जय…..॥

सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी।
बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॥ ॐ जय…..॥

आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी।
माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॐ जय…..॥

जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो।
हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॥ ॐ जय…..॥

इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ।
ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॥ ॐ जय…..॥

प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना।
मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॥ ॐ जय…..॥

जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी।
एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॥ ॐ जय…..॥

जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै।
होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॥ ॐ जय…..॥

निशि दिन प्रभु मन्दिर में, जगमग ज्योति जरै।
हरि प्रसाद चरणों में, आनन्द मोद भरै ॥ ॐ जय…..॥

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Mahaveer swami ki Aarti  : रंग लाग्यो महावीर
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो
1. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

2. थारा दर्शन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

3. थारा कलशा करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

4. थारा पूजन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

5. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

6. थारी वंदना करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

7. थारे पैदल आवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥

रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।।
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।।

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Mahaveer swami ki Aarti : भगवान मेरी नैया
भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना
हम दीनदुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल
यह सोच दरश दोगे, प्रभु आज नहीं तो कल
जो बाग लगाया है फूलों से सजा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।

तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो
मुम हंस चुगे मोती, तुम मानसरोवर हो
दो बूंद सुधा रस की, हम को भी पिला देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।

रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम से
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे
अब द्वार खड़ा तेरे, मुझे राह दिखा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।

मंझधार पड़ी नैया डगमग डोले भव में
आओ त्रिशाला नंदन हम ध्यान धरे मन में
अब बस करें विनती, मुझे अपना बना लेना
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।

 


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.