Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति की तैयारियां जोरों पर, जानें क्यों और कब मनाया जाता है…

Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति की तैयारियां जोरों पर : makar sankranti kyon manaya jata hai, makar sankranti kab manate hain

Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति की तैयारियां जोरों पर, जानें क्यों और कब मनाया जाता है…

Makar Sankranti 2023

Modified Date: January 9, 2023 / 06:39 am IST
Published Date: January 9, 2023 6:39 am IST

नई दिल्ली । Makar Sankranti 2023 हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व उसके पश्चात दान किया जाता है। वैदिक पंचांग कद अनुसार इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 08:21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा।

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Makar Sankranti 2023 मकर संक्रांति पर सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की यात्रा प्रारंभ कर देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की तरफ जाना उत्तरायण कहलाता है जबकि कर्क रेखा से दक्षिणी मकर रेखा की ओर जाने पर दक्षिणायण की यात्रा शुरू होती है। शास्त्रों में उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है।

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Makar Sankranti 2023 श्रीमद्भागवत एवं देवी पुराण के मुताबिक, शनि महाराज का अपने पिता से वैर भाव था क्योंकि सूर्य देव ने उनकी माता छाया को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेद-भाव करते देख लिया था, इस बात से नाराज होकर सूर्य देव ने संज्ञा और उनके पुत्र शनि को अपने से अलग कर दिया था। इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।

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Makar Sankranti 2023मकर संक्रांति पर सूर्ददेव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. ज्योतिष में मकर राशि के स्वामी शनिदेव होते हैं। सूर्य और शनि देव की आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं लेकिन जब सूर्यदेव स्वयं शनिदेव से मिलने जाते हैं तो यह त्योहार पिता- पुत्र के मिलने के रूप में मनाया जाता है। इस तरह से मकर संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना और शनि से सबंधित चीजों की दान करने से कुंडली में सूर्य और शनिजनित दोष दूर हो जाते हैं।

Makar Sankranti 2023ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मकर संक्रांति पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते है तो इस दिन से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है।इस दिन से शरद ऋतु का समापन और बंसत ऋतु की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति के बाद से दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है।

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