Mokshada Ekadashi 2022 : कब है मोक्षदा एकादशी? व्रत करने से मिलता है बैकुंठ में स्थान, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत का महत्व और विधि
Mokshada Ekadashi 2022 : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। एकादशी तारीख 3 दिसंबर के दिन पड़ रही है।
Mokshada Ekadashi shubh muhurat 2022 :
Mokshada Ekadashi 2022 : नई दिल्ली। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। ये एकादशी मोक्ष की प्रार्थना के लिए मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी से आशय मोह को नाश करने वाली एकादशी से है। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत से बढ़कर मोक्ष देने वाला दूसरा कोई भी व्रत नहीं है। मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर श्री हरि विष्णु का पूजन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। साथ ही जातक को कर्मों के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद वह मोक्ष को प्राप्त होता है।
Mokshada Ekadashi 2022 : इस साल मोक्षदा एकादशी तारीख 3 दिसंबर के दिन पड़ रही है। इन दिन व्रत रखने के साथ कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, वरना व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है। वहीं, इस दिन विधि-विधान से पूजा भी की जानी चाहिए।
मोक्षदा एकादशी का नियम
Mokshada Ekadashi 2022 : मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और वैकुंठ में जगह की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने के साथ ही कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। मोक्षदा एकादशी के दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
सात्विक भोजन करें
Mokshada Ekadashi 2022 : इस दिन बिल्कुल सात्विक भोजन करना चाहिए। इस कंद, फल खा सकते हैं। वहीं, प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, चावल, बैंगन को हाथ नहीं लगाना चाहिए और न ही किसी भी तरह के भोजन में इसका इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और कथा सुनें।
मोक्षदा एकादशी पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और तुलसी, फूल अर्पित करें। जो लोग व्रत रखना चाहते हैं तो इसका संकल्प लें। इसके बाद भगवान को भोग लगाएं और साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा भी करें। इसके बाद आरती करें।
मोक्षदा एकादशी व्रत मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी पारणा मुहूर्त :13:13:37 से 15:18:44 तक 4, दिसंबर कोअवधि :2 घंटे 5 मिनटहरि वासर समाप्त होने का समय :11:42:39 पर 4, दिसंबर को
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जो भी जातक पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी व्रत में इन नियमों का रखें ध्यान
- जो लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मोक्षदा एकादशी को पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि जागरण करते हुए श्री हरि विष्णु का स्मरण करना चाहिए।
- एकादशी व्रत को कभी हरि वासर समाप्त होने से पहले पारण नहीं करना चाहिए।
- शास्त्रों में द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है।
- यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
- द्वादशी तिथि के दिन प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।

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