Gujarat Election 2022 : Ravindra Jadeja and his sister Naynaba Jadeja

Gujarat Election 2022 : रविंद्र जडेजा की बहन ने भाभी से किया किनारा, भाजपा छोड़ इस पार्टी के लिए मांग रही वोट, आखिर ऐसा क्यों? सामने आई ये वजह

Gujarat Election 2022 : नयनाबा जडेजा ने महंगाई की समस्या को लेकर गुजरात में सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के लिए वोट मांगे।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : November 27, 2022/7:16 pm IST

Gujarat Election 2022 : जामनगर।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक ‘रोड शो’ के लिए शहर के बाजार से एक खुली एसयूवी में क्रिकेटर रविंद्र जडेजा के गुजरने के कुछ ही घंटे पहले उनकी बहन नयनाबा जडेजा ने महंगाई और रोजगार की समस्या को लेकर गुजरात में सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के लिए वोट मांगे। मशहूर क्रिकेटर ने अपनी पत्नी रीवाबा जडेजा के लिए प्रचार किया, जबकि उनकी (जडेजा की) बड़ी बहन ने बिपेंद्रसिंह जडेजा के लिए प्रचार करते हुए सहोदर भाई-बहन के बीच चुनावी प्रतिद्वंद्विता को प्रदर्शित किया, जिसने जामनगर उत्तर सीट पर चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है।

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Gujarat Election 2022 : उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक धर्मेंद्रसिंह जडेजा को टिकट नहीं दिया है। उन्हें स्थानीय स्तर पर हकुभा के नाम से जाना जाता है। भाजपा द्वारा रविंद्र जडेजा की पत्नी को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद, जामनगर उत्तर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं नयनाबा अपनी पार्टी के लिए एक मुख्य प्रचारक के रूप में उभरी हैं। नयनाबा ने कहा, ‘‘मेरी अपनी विचारधारा है और उस पार्टी के साथ हूं जिसकी मैं सराहना करती हूं।’’ उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और दावा किया कि यह लोगों से सिर्फ वादे करती है, लेकिन कभी उन्हें पूरा नहीं करती, चाहे वह रोजगार हो या शिक्षा हो।

Gujarat Election 2022 : ज्यादातर शहरी आबादी वाली इस सीट को कांग्रेस की तुलना में भाजपा के लिए अधिक अनुकूल माना जा रहा है, जबकि विपक्षी पार्टी के समर्थकों का मानना है कि उनकी पार्टी आश्चर्यजनक परिणाम दे सकती है। नयनाबा ने कहा कि चूंकि परिसीमन के बाद नवगठित विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2012 में मतदान हुआ था, ऐसे में यह अनिवार्य रूप से कांग्रेस की सीट है, जिसने पहली बार इस पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा ने मौजूदा विधायक के अपने पाले में आने के बाद 2017 में इस सीट पर कब्जा किया था।

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उन्होंने दावा किया कि यहां तक कि जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार एक कांग्रेसी थे, जिन्होंने अपनी अपील पर जीत दर्ज की थी, लेकिन हमारी पार्टी इस बार जीत हासिल करेगी। कांग्रेस नेताओं को भी यह उम्मीद है कि मौजूदा विधायक को टिकट नहीं दिये जाने के कारण भाजपा में स्थानीय स्तर पर पैदा हुए असंतोष का लाभ उसे (कांग्रेस को) मिलेगा। आम आदमी पार्टी (आप) ने कर्षण करमुर को उम्मीदवार बनाया है, जो भाजपा छोड़कर अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी (आप) में शामिल हुए हैं।

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