(Nahay Khay 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)
Nahay Khay 2025: छठ महापर्व आज शनिवार यानी 25 अक्टूबर 2025 से शुरू हो गया है और यह 28 अक्टूबर मंगलवार को समाप्त होगा। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का प्रतीक है। महिलाएं व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार की रक्षा के लिए रखती हैं। शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होतें हैं, इसलिए सूर्यदेव की विशेष पूजा का विधान है। छठी मैया को परिवार, संतान और समृद्धि की देवी माना जाता है।
नहाए-खाए छठ का पहला दिन होता है। इस दिन व्रती प्रातःकाल पवित्र जलाशय, नदी या तालाब में स्नान करके अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं। स्नान के बाद साफ और सादा वस्त्र पहनकर रसोई और पूजा स्थल को पूरी तरह स्वच्छ किया जाता है।
आज छठ महापर्व की शुरुआत नहाए खाए से हो चुकी है। नहाए खाए के दिन प्रसाद ग्रहण करने का शुभ समय सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है।
नहाए खाए के दिन राहुकाल और यमघंटाकाल के दौरान प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना व्रत या लोहंडा व्रत कहलाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन बिना अन्न और जल के उपवास रखते हैं। शाम को विशेष विधि से प्रसाद बनाकर छठी मैया को अर्पित किया जाता है।
तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य या संध्या घाट पूजा कहा जाता है। इस दिन व्रती सूर्यास्त के समय अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह दिन छठ महापर्व का सबसे भव्य और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन ‘सूर्योदय अर्घ्य’ या ‘भोर अर्घ्य’होता है। व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन करते हैं। इस दिन की पूजा से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति की कामना की जाती है।