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Dussehra 2025: आज 1 अक्टूबर को कन्या पूजन के साथ नवरात्रि की नवमी तिथि समाप्त हो रही है। इसके अगले दिन दशमी तिथि पर विजयदशमी यानी दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतीक है। परंपरा के अनुसार, इस दिन रावण दहन किया जाता है और शस्त्र पूजन का भी विधान होता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ये पर्व हर वर्ष पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए ये दिन देवी दुर्गा से भी जुड़ा हुआ है। आइये दशहरा के बारे में और जानते हैं
हिंदू पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर को शाम 7:02 बजे होगी और इसका समापन 2 अक्टूबर की शाम 7:02 बजे होगा। शास्त्रों के अनुसार, उदया तिथि 2 अक्टूबर को होने के कारण दशहरा इस दिन मनाया जाएगा।
Dussehra 2025: 2 अक्टूबर को दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक का समय शस्त्र पूजन के लिए सबसे शुभ माना गया है। इस समय को विजय मुहूर्त कहा जाता है। मान्यता है कि इस समय किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना या नया सामान खरीदना बेहद लाभकारी होता है। इस मुहूर्त में किए गए कार्य कई गुना फलदायी होते हैं।
2 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 6:06 बजे से 7:19 बजे तक प्रदोष काल रहेगा, जो रावण दहन के लिए सबसे उत्तम समय होगा। अगर किसी कारणवश इसमें देरी हो जाए, तो विशेष परिस्थिति में रावण दहन को रात 7:45 बजे तक किया जा सकता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण दहन के बाद उसकी बची हुई थोड़ी-सी राख या लकड़ी घर लाकर रखनी चाहिए। इसे घर में ऐसी जगह रखें जहां किसी की नजर न पड़े। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।