Navratri Fasting Rules: नवरात्री व्रत के दौरान सेंधा नमक ही क्यों खाया जाता है? जान लें कारण और महत्व, जो व्रत को बनाते हैं और भी ख़ास!

जब भी बात व्रत कि हो, तो भक्तों के मस्तिष्क में सबसे पहले उठने वाला सवाल.. सेंधा नमक ही क्यों, सामान्य नमक क्यों नहीं ? व्रत में सेंधा नमक खाने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं। आईये विस्तारपूर्वक आपको बताते हैं..

Navratri Fasting Rules: नवरात्री व्रत के दौरान सेंधा नमक ही क्यों खाया जाता है? जान लें कारण और महत्व, जो व्रत को बनाते हैं और भी ख़ास!

Vrat mein sendha namak kyun khaate hain

Modified Date: September 24, 2025 / 03:38 pm IST
Published Date: September 24, 2025 3:38 pm IST

Navratri Fasting Rules: नवरात्रि का पावन पर्व माता दुर्गा की भक्ति, तपस्या और शुद्धता का प्रतीक है। इसलिए जब भी व्रत की बात आती हैं तो भक्तों के दिल में सबसे पहले ये ही प्रश्न उठता है कि इन नौ दिनों में व्रत रखने वाले भक्त केवल सेंधा नमक का ही उपयोग क्यों करते हैं? क्या यह केवल परंपरा है, या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य छिपा है? आज आपको बताएंगे इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्वों के बारे में जो नवरात्री व्रत को बनाते हैं और भी ख़ास..

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Navratri Fasting Rules: सेंधा नमक का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में व्रत को शुद्धता और तपस्या का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू शास्त्रों में, सेंधा नमक को “पवित्र नमक” कहा गया है क्यूंकि यह पृथ्वी की चट्टानों से प्राकृतिक रूप से निकाला जाता है, बिना किसी रासायनिक प्रक्रिया के, और इसकी शुद्धता और खनिजों से भरी संरचना इसे विशेष बनाती है, इसलिए इसे “रॉक साल्ट” कहा जाता है। इसके विपरीत, सामान्य समुद्री नमक, जो रासायनिक प्रक्रियाओं से बनता है, अपवित्र माना जाता है। सेंधा नमक, जो हिमालय की गुफाओं से निकलता है, प्राकृतिक और सात्विक है। इसे माता रानी की पूजा में अर्पित करने और व्रत में खाने की परंपरा सदियों पुरानी है। मान्यता है कि यह नमक माता की शुद्ध ऊर्जा को ग्रहण करने में मदद करता है, जिससे भक्त का मन शांत और केंद्रित रहता है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है और यह खनिजों से भरपूर होता है। यह थकान और कमजोरी को रोकता है, जो उपवास के दौरान आमतौर पर देखि जाती है। व्रत के दौरान जब भक्त भारी भोजन से परहेज करते हैं, सेंधा नमक शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और पाचन को सुव्यवस्थित बनाता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में इसे शीतल और सात्विक माना गया है, जो शरीर की गर्मी को भी कम करता है। सेंधा नमक न केवल खाद्य पदार्थों में, बल्कि आयुर्वेदिक औषधियों में भी उपयोग होता था। नवरात्रि जैसे पवित्र अवसरों पर, इसे शुद्धता का प्रतीक मानकर व्रत में शामिल किया गया। आज भी, यह परंपरा जीवित है और भक्त इसे गर्व से अपनाते हैं।

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Navratri Fasting Rules: सेंधा नमक से होने वाले स्वास्थ लाभ (Sendha Namak Benefits)

  • पाचन में सहायता: सेंधा नमक व्रत के दौरान खाए जाने वाले हल्के भोजन जैसे साबूदाना, कुट्टू, या समा के चावल को पचाने में मदद करता है। यह पेट में सूजन (bloating) और अपच को कम करता है।
  • इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन: सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज अधिक होते हैं। यह उपवास के दौरान निर्जलीकरण (dehydration) और कमजोरी को रोकता है।
  • बॉडी का इम्यून सिस्टम मजबूत करता है: सेंधा नमक में मौजूद प्राकृतिक मिनरल्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में होने वाले रोगों से लड़ने के लिए बेहतर रूप से तैयार होता है।
  • शरीर की गर्मी कम करता है: आयुर्वेद में सेंधा नमक को शीतल (cooling) माना जाता है, जो व्रत के दौरान शरीर में गर्मी (पित्त दोष) को संतुलित रखता है।
  • रक्तचाप नियंत्रण: सामान्य नमक की तुलना में सेंधा नमक में कम सोडियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है, खासकर लंबे उपवास में।

Navratri Fasting Rules: मानसिक और भावनात्मक लाभ

  • तनाव में कमी: सेंधा नमक में मौजूद खनिज मस्तिष्क को शांत करते हैं, जिससे व्रत के दौरान चिड़चिड़ापन और तनाव कम होता है।
  • ऊर्जा का स्तर बनाए रखना: उपवास के दौरान सेंधा नमक युक्त भोजन (जैसे साबूदाना खिचड़ी या व्रत का नींबू पानी) ऊर्जा देता है, जिससे भक्त पूजा और तपस्या में सक्रिय रहते हैं।
  • मन की शुद्धि: सात्विक भोजन के साथ सेंधा नमक का उपयोग मन को सकारात्मक और शुद्ध रखता है, जो ध्यान और भक्ति के लिए आवश्यक है।

सावधानियां

  • खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि सेंधा नमक शुद्ध और विश्वसनीय स्रोत से खरीदा गया हो और पैकेट पर “रॉक सॉल्ट” या “सेंधा नमक” लिखा हो। क्यूंकि कुछ लोग सामान्य नमक को सेंधा नमक के रूप में बेच सकते हैं।
  • सेंधा नमक को सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें, क्योंकि अधिक मात्रा में यह भी शरीर में पानी की कमी पैदा कर सकता है।

सेंधा नमक व्रत के दौरान न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धता को भी बढ़ाता है। इसलिए निश्चिन्त होकर सेंधा नमक के साथ अपने व्रत को और भी पवित्र बनाएं।


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.