Panchak 2025: क्या पंचक के दौरान हर कार्य पर लगता है पूर्णविराम? बेफ़िक्र होकर करें ये काम, इन पर नहीं होगा पंचक का असर!
पंचक हर महीने 5 दिनों के लिए आता है जब चंद्रमा कुंभ तथा मीन (पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद एवं रेवती) राशि में होता है। ऐसे तो पंचक के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है परन्तु कई ऐसे भी कार्य हैं जिन पर पंचक का प्रभाव नहीं पड़ता। आईये जानतें हैं..
Panchak 2025
- Panchak 2025: "पंचक के दौरान बेफिक्र होकर करें ये काम"
Panchak 2025: ज्योतिष शास्त्रों तथा पंचांग में पंचक एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होती है, जो कि पांच नक्षत्रों का एक समूह है। यह हर महीने लगभग 5 दिनों का समय होता है, जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है। इस अवधि को अशुभ माना जाता है क्योंकि इस समय शुरू किए गए कामों में बाधाएं आ सकती हैं या वे अधूरे रह सकते हैं। पंचक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नए निर्माण कार्य, दक्षिण दिशा की यात्रा और घर की छत डलवाने जैसे कई शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा प्रत्येक नक्षत्र में लगभग 1 दिन रुकता है, और 27 नक्षत्रों में 27 दिनों में एक चक्र पूरा करता है। पंचक हर महीने 5 दिनों के लिए आता है जब चंद्रमा कुंभ तथा मीन (पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद एवं रेवती) राशि में होता है। आईये जानते हैं कि किन कार्यों को नहीं पड़ता पंचक का प्रभाव..
Panchak 2025: बेफिक्र होकर करें ये कार्य..
- हर माह पंचक 5 दिनों का होता है, सोमवार से शुरू हो रहे पंचक को राज पंचक कहते हैं। इस दिन भूमि पूजन, सोने के गहने खरीदना तथा वृक्षारोपण जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं।
- पंचक के दौरान दैनिक पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार, तुलसी पूजन, पवित्र नदी में स्नान, प्रदोष व्रत और एकादशी जैसे व्रत रख सकते हैं, क्योंकि इन पर पंचक का प्रभाव नहीं पड़ता।
- बुधवार से शुरू हो रहे पंचक को दोषरहित पंचक कहते हैं। इस दिन किये गए कार्य भी शुभ माने जाते हैं।
- यदि गुरुवार से पंचक शुरू हो रहा है तो उसे गुरु पंचक कहते हैं। यह पंचक शुभ माना जाता है इसमें सभी कार्य किये जा सकते हैं।
- इस दौरान गरीबों और जरूरतमंदों में दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। अन्न, फल, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं, इन कार्यों पर पंचक का कोई असर नहीं पड़ता।
Panchak 2025: पंचक के दौरान इन कार्यों को करने से बचें!
- दक्षिण दिशा की ओर यात्रा: कहते हैं कि दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में यात्रा हानिकारक हो सकती है। यदि बहुत ज़रूरी हो तो, हनुमान मंदिर में पांच फल चढ़ाकर यात्रा करें।
- घर की छत डालना: रेवती नक्षत्र में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए अर्थात घर की मरम्मत नहीं करवानी चाहिए। इससे धन की हानि होने के साथ कलह कलेश बढ़ता है।
- चारपाई/ फर्नीचर बनवाना: पंचक में चारपाई बनवाना वर्जित है। इस दौरान फर्नीचर या चारपाई बनना अत्यंत कष्टदायी माना जाता है।
- शव का अंतिम संस्कार: पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह ज़रूर लें। यदि वो न हो पाए, तो शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले रखकर उनका विधि-विधान से अंतिम संस्कार करें।
Disclaimer:- उपरोक्त लेख में उल्लेखित सभी जानकारियाँ प्रचलित मान्यताओं और धर्म ग्रंथों पर आधारित है। IBC24.in लेख में उल्लेखित किसी भी जानकारी की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है। हमारा उद्देश्य केवल सूचना पँहुचाना है।
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