पाषाण से भगवान बनाने वाला उपक्रम पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 31 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक

रायपुर गोल बाजार,स्थित चूड़ी लाईन में 110 वर्ष प्राचीन जिनालय को नवीन रूप दिया जा रहा है, जो कि अब श्री 1008 चन्द्रप्रभ् सदोदय तीर्थ दिगंबर जैन मंदिर के नाम से जाना जाएगा जिसमें नवीन जिनबिंब की स्थापना की जा रही है,

पाषाण से भगवान बनाने वाला उपक्रम पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 31 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: October 30, 2022 9:48 am IST

रायपुर। दिगंबर जैन संत जो अपनी चर्या के लिये विश्वविख्यात हैं, जिनको चर्या शिरोमणी भी कहा जाता है, ऐसे आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ससंघ विशाल संघ (22 साधुओं) का संस्कारधानी रायपुर की पावन धरा पर पहली बार ऐतिहासिक चातुर्मास सानंद संपन्न हुआ चातुर्मास के मध्य में आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ससंघ ने नगर के सभी जिन मंदिरों एवं विभिन्न कॉलोनियों का भ्रमण किया। सभी धर्मात्माओं को गुरुओं की अमृतमयी वाणी (प्रवचन), आहार चर्या, वैयावृत्ती, नवदा भक्ती आदि के माध्यम से पुण्यार्जन करने का अनूठा अवसर प्राप्त हुआ। इसी क्रम में जैन समाज के परम सौभाग्य से आगामी विभिन्न आयोजन संपन्न होने जा रहे हैं।

पाषाण से भगवान बनाने का उपक्रम पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 31 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक

दिगम्बर जैन समुदाय में तीर्थंकर भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है, भगवान तो सिद्धत्व को प्राप्त कर चुके हैं, परन्तु उनके साक्षात प्रतिबिंब भगवान की प्रतिमा पूजनीय है, इसलिये विभिन्न जिनालयों में तीर्थंकर जिनदेव की प्रतिमा स्थापित की जाती है, रायपुर गोल बाजार,स्थित चूड़ी लाईन में 110 वर्ष प्राचीन जिनालय को नवीन रूप दिया जा रहा है, जो कि अब श्री 1008 चन्द्रप्रभ् सदोदय तीर्थ दिगंबर जैन मंदिर के नाम से जाना जाएगा जिसमें नवीन जिनबिंब की स्थापना की जा रही है, जिसका पंचकल्याणक महोत्सव दिनांक 31 अक्टूबर से 04 नवम्बर 2022 तक फाफाडीह गली नं.4 स्थित श्री सन्मति नगर दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में होना तय हुआ है।

इस पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में:-

दिनांक 31.10.2022 को भगवान की माता की गर्भ कल्याणक की क्रियायें संपन्न होंगी
दिनांक 01.11.2022 को भगवान के जन्म कल्याणक की क्रियायें संपन्न होंगी
दिनांक 02.11.2022 को भगवान के तप कल्याणक की क्रियायें संपन्न होंगी
दिनांक 03.11.2022 को भगवान के ज्ञान कल्याणक की क्रियायें संपन्न होंगी
दिनांक 04.11.2022 को भगवान मोक्ष महापद को प्राप्त होंगे।

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पिच्छी का परिवर्तन समारोह दिनांक 05-11-2022 को

दिगंबर मुनि जीवों की रक्षा के लिए संयम का उपकरण मयूर पिच्छी अपने साथ में रखते हैं, शास्त्रों में वर्णन है कि मोर का पंख इतना कोमल होता है कि इससे किसी जीव का घात नहीं होता इसलिए जीवों की रक्षा एवं मार्जन के लिए दिगंबर मुनि पिच्छी का प्रयोग करते है, वर्ष भर प्रयोग के बाद जब पिच्छी की कोमलता वैसी नहीं रहती जैसी प्रारंभ में थी, तो मयूर पिच्छी से कढ़ेपन से कही जीवों घात न होने लगे, इसलिए दिगंबर संत वर्ष में एक बार अपनी पिच्छी परिवर्तित कर नवीन मयूर पिच्छी ग्रहण करते हैं तथा पुरानी पिच्छिका संयमी परिवार को प्रदान करतें हैं, यह आयोजन दिनांक 05-11-2022 को मध्यांह 2 बजे संपन्न होगा।

भव्य दिगंबर जैनेश्वरी दीक्षाएं दिनांक 06 नवम्बर 2022 को

रायपुर के इतिहास में पहली बार 22 साधुओं के मध्य 3 बाल बह्मचारी भैया लोगों की दिगंबर दीक्षा होने जा रही है, जिनके दीक्षा प्रदाता आचार्य विशुद्ध सागर महाराज स्वयं अपने करकमलों से ब्रम्हाचारी सौरभ भैया( परतबाड़ा) ब्रम्हाचारी निखिल भैया (छतरपुर) ब्रम्हाचारी विशाल भैया (भिण्ड) को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान करेंगे, जिसमें हजारों की तादाद में भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतो के लोग, विभिन्न संप्रदायों के साधु-साध्वी उपस्थित होकर इस राग से वैराग्य की ओर अग्रसर होने वाले दीक्षार्थियों की दीक्षा के साक्षी बनेंगे। यह आयोजन दिनांक 06 नवम्बर 2022 को मध्यान 2 बजे विशुद्ध देशना मण्डप फाफाडीह गली नं.4 में ही संपन्न होगा।

विशुद्ध वर्षा योग 2022 रायपुर के प्रदीप जैन पाटनी(अध्यक्ष),राकेश जैन बाकलीवाल (महामंत्री), अरविंद जैन पहाडिय़ा (मंच संचालक) ने उपरोक्त आयोजनों में सभी लोगों की सहभागिता करने एवं धार्मिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार की अपील की है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com