ईद में घर पर ही पढ़ी गई नमाज, पहली बार जमात में नहीं शामिल हुए लोग, कोरोना से महफूज रखने अल्लाह से मांगी दुआ

ईद में घर पर ही पढ़ी गई नमाज, पहली बार जमात में नहीं शामिल हुए लोग, कोरोना से महफूज रखने अल्लाह से मांगी दुआ

ईद में घर पर ही पढ़ी गई नमाज, पहली बार जमात में नहीं शामिल हुए लोग, कोरोना से महफूज रखने अल्लाह से मांगी दुआ
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: May 25, 2020 11:45 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगभग 250 साल से मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ी जा रही है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते पहली बार ईद की नमाज में समाज के लोग शामिल नहीं हो पाए। मुस्लिम समाज ने घर पर ही नमाज पढ़ी। नमाज पढ़ना अनिवार्य होने के कारण मस्जिदों में रहने वाले 5-5 लोगों ने ही नमाज पढ़ने की औपचारिकता निभाई।

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रायपुर के ईदगाह मैदान में हर साल हजारों लोग नमाज अदा करते थे, लेकिन इस बार ईदगाह मैदान में भी नमाज नहीं पढ़ी गई। बैजनाथ पारा स्थित लगभग सौ साल पुराने मदरसे में 5 से 7 लोगों ने ही नमाज पढ़ी, शहर-ए-काजी मौलाना मोहम्मद अली फारूकी के मुताबिक ईद पर सुबह 8.30 से 11.30 के बीच चाश्त की नमाज पढ़ी गई।

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ईद की नमाज और चाश्त की नमाज में अंतर यह है कि ईद की नमाज ईदगाह मैदान में पढ़ी जाती है और चाश्त की नमाज घर पर अदा की जा सकती है। ईद की नमाज में छह तकबीर ज्यादा होती है। चाश्त की नमाज में तकबीरें नहीं हुई और न ही खुतबा दिया गया।

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नमाज़ के बाद वहीं कब्रिस्तान में रिश्तेदार और दोस्तों की क्रब पर फातिहा पढ़ने की रस्म में लोग इकट्ठा नहीं हुए, मरहुमों का फातिहा भी घर में पढ़ा गया। मुस्लिम भाइय़ों ने अल्लाहपाक से भारत समेत पूरी दुनिया को कोराना महामारी से महफूज रखने की दुआ मांगी।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com