राधाष्टमी व्रत, जानें मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
राधाष्टमी व्रत, जानें मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि Radhashtami Vrat, Know Muhurta, Significance and Worship Method
Phulera Dooj 2023
Radhashtami fast : हर वर्ष जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी व्रत रखा जाता है। इस साल राधा अष्टमी 4 सितंबर 2022 रविवार को है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से कृष्णा प्रसन्न होते हैं और भक्तों के मनोरथ पूर्ण होते हैं। राधा अष्टमी का व्रत रख राधा-कृष्ण की पूजा करने से घर में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं।
महत्व – राधाष्टमी व्रत महिलाएं रखती हैं। यह व्रत अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद और परिवार में सुख-समृद्धि और शांति देता है। यह व्रत संतान सुख दिलाने वाला भी माना गया है। राधा अष्टमी के दिन राधा-श्रीकृष्ण दोनों की पूजा की जाती है। जो व्यक्ति राधा जी को प्रसन्न कर लेता है, उसे भगवान श्रीकृष्ण भी मिल जाते हैं, ऐसी मान्यता है।
Radhashtami fast : पौराणिक शास्त्रों में राधा जी को लक्ष्मी जी का अवतार भी माना गया है। इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन भी किया जाता है। राधा रानी को श्रीकृष्ण की बाल सहचरी, भगवती शक्ति माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं में राधा अष्टमी का यह बेहद विशेष और लाभकारी माना गया है। राधा रानी श्रीकृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी हैं, इसीलिए आज के दिन उनका पूजा करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है।
मुहूर्त – भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 3 सितंबर 2022 को दोपहर 12:25 पर आरंभ होगी, जिसका समापन अगले दिन 4 सितंबर 2022 रविवार को सुबह 10.40 मिनट पर होगा। सूर्योदय के अनुसार राधा अष्टमी का पर्व 4 सितंबर को मनाया जाएगा।
Radhashtami fast : राधा अष्टमी 2022 पूजा विधि
– राधा अष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
– एक तांबे या मिट्टी का कलश पूजन स्थल पर रखें और एक तांबे के पात्र में राधा जी की मूर्ति स्थापित करें।
– राधा रानी का षोडशोपचार से पूजन करें. रोलो, मौली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप अर्पित करें।
– राधा-कृष्ण का ध्यान कर उन्हें भोग लगाएं. आरती करें और पूरा दिन उपवास रखें।
– अगले दिन सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें।

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