Ram Bhajan : “पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा”, यहाँ प्रस्तुत है एक ऐसा लोकप्रिय भजन जिसे सुनने मात्र से ही हो जाती हैं आत्मा तृप्त

"Don't know in which form will I meet Narayan", here is a popular bhajan which satisfies the soul just by listening to it

Ram Bhajan : “पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा”, यहाँ प्रस्तुत है एक ऐसा लोकप्रिय भजन जिसे सुनने मात्र से ही हो जाती हैं आत्मा तृप्त

Pata nahi kis roop mein aakar

Modified Date: November 30, 2024 / 12:48 pm IST
Published Date: November 30, 2024 12:48 pm IST

Ram Bhajan : भगवान को बजने के लिए भजन किया जाता है। भजन करने से साउंड की जो वाइब्रेशन निकलती हैं, वो हमारे चित को मन को शांत करती है, और हम अच्छा फील करते हैं, हमारा मन अच्छा होता है, हमारे चक्र भी बैलेंस होते हैं भजन की वाइब्रेशन के कारण और साथ में हम जो ताली, मजीरा आदि बजाते हैं उनसे हमें अनेक शरीक लाभ भी मिलते हैं। भजन करने का मतलब सिर्फ़ प्रभु की भक्ति करना या नाम जप करना नहीं है. इसका सही मतलब है कि सभी प्राणियों के प्रति उदारता और करुणा रखते हुए सेवा करना। भजन करने से कार्यक्षमता बेहतर होती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं।

Ram Bhajan : आईये यहाँ सुनें और पढ़ें ये मनमोहक भजन

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प्रेम प्रभु का बरस रहा है
पीले अमृत प्यासे
सातों तीरथ तेरे अंदर
बाहर किसे तलाशे

कण कण में हरि
क्षण क्षण में हरि
मुस्कानों में अंसुवन में हरि
मन की आंखें तूने खोली
तो ही दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

Ram Bhajan

नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वह देती है
जो बोएगा वह काटेगा
ये जग कर्मों की खेती है

नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वह देती है
जो बोएगा वह काटेगा
ये जग कर्मों की खेती है

यदि कर्म तेरे पावन हैं सभी
डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी
तेरी बाँह पकड़ने को
वह भेष बदलकर आएगा

पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

Ram Bhajan

नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरि लेखा जोखा रखते हैं
औरों को फूल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं

नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरि लेखा जोखा रखते हैं
औरों को फूल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं

कोई दीप मिले तो बाती बन
तू भी तो किसी का साथी बन
मन को मानसरोवर करले
तो ही मोती पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

Ram Bhajan

कान लगाके बातें सुनले
सूखे हुए दरख्तों की
लेता है भगवान परीक्षा
सबसे प्यारे भक्तों की

एक प्रश्न है गहरा जिसकी
हरि को थाह लगानी है
तेरी श्रद्धा सोना है
या बस सोने का पानी है

जो फूल धरे हर डाली पर
विश्वास तो रख उस माली पर
तेरे भाग में पत्थर है तो
पत्थर भी खिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा

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लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.