Shani Jayanti 2025 Rashifal: 28 साल बाद शनि जयंती पर बना खास संयोग, इन राशियों का बदलेगा भाग्य, इस मुहूर्त में पूजा करने से प्रसन्न होंगे शनिदेव

Shani Jayanti 2025 Rashifal: 28 साल बाद शनि जयंती पर बना खास संयोग, इन राशियों का बदलेगा भाग्य, इस मुहूर्त में पूजा करने से प्रसन्न होंगे शनिदेव

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  • Publish Date - May 27, 2025 / 06:25 AM IST,
    Updated On - May 27, 2025 / 06:27 AM IST

Shani Jayanti 2025 Rashifal/Image Credit: IBC24 File

HIGHLIGHTS
  • 28 साल बाद शनि के मीन राशि में रहते हुए शनि जयंती मनाई जा रही
  • उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती का पर्व 27 मई 2025 को मनाया जाएगा
  • शनि जयंती के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर व्रत-पूजा का संकल्प लें

Shani Jayanti 2025 Rashifal: हिन्दू धर्म में शनिदेव को कर्मफलदाता कहा जाता है। आज 27 मई 2025 दिन मंगलवार होने के साथ साथ शनि जयंती भी पड़ रहा है। खास बात यह है कि, इस वर्ष शनि जयंती पर एक साथ कई तरह के शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। वहीं, 28 साल बाद शनि के मीन राशि में रहते हुए शनि जयंती मनाई जा रही। इसके पहले इस तरह का योग 5 जून 1997 में बना। आज का दिन, मिथुन, तुला, मीन राशि वालों के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। ऐसे में अगर आप भी आज व्रत रखने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में जरूर जान लें..

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शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti 2025 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर हो गई है, जिसका समापन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा, लेकिन उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती का पर्व 27 मई 2025 को मनाया जाएगा।

शनि जयंती पूजा विधि (Shani Jayanti 2025 Puja Vidhi)

शनि जयंती के दिन भगवान शनि की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि, शनि जयंती के दिन पूजा करने से शनि संबंधी दोषों से मुक्ति मिलती और शनि महाराज का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में नीचे दी गई विधि से पूजा जरूर करें..

  • शनि जयंती के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
  • इसके बाद घर के पास स्थिति किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव के पैरों के दर्शन करते हुए उन्हे सरसों का तेल अर्पित करें।
  • शाम के समय में भी शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें और पूजा-अर्चना करें।
  • शनिदेव की पूजा के लिए शनि को काला तिल, सरसों का तेल, दीपक और नीले रंग का पुष्य अर्पित करें।
  • इसके बाद शनि स्त्रोत, शनि चालीसा, शनि मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • फिर अंत में शनि देव की आरती करें।

शनि मंत्र का जाप करें

ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ॐ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंयोरभिस्त्रवन्तुनः।