अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है इस मंदिर के गुंबद की चमक, जानिए क्या है इसका रहस्य?

अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है इस मंदिर के गुंबद की चमक, जानिए क्या है इसका रहस्य?

अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है इस मंदिर के गुंबद की चमक, जानिए क्या है इसका रहस्य?
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: April 10, 2020 5:23 am IST

नईदिल्ली। दक्षिण भारत में 2000 हजार वर्ष पुराना एक ऐसा मंदिर है जिसकी चमक अंतरिक्ष तक जाती है। निश्चित ही ‍यदि कोई एलियन अंतरिक्ष से गुजरेगा तो उसे गिजा के पिरामिड, कैलाश पर्वत, कैलाश मंदिर के अलावा दक्षिण भारत का यह मंदिर भी निश्‍चित ही ध्यान आ​कर्षित करेगा।

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दरअसल, वर्षों पूर्व एक सैटेलाइट इसके उपर से घूमा तो उसने एक स्थान पर अप्रत्याशित रूप से चमक देखी। इस चमक का कारण जानना चाहा तो पता चला कि यह तो दक्षिण भारत के केरल के अलाप्पुझा जिले के चेंगन्नूर के पास मुथावज़ी, पंडनाड में स्थित एक मंदिर के गुंबद की चमक है जो दूर तक फैल रही है।

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माना जाता है कि इस मंदिर का गुंबद विश्व की सर्वाधिक अमूल्य धातु ‘इरेडियम’ से बनाया गया। इस मंदिर को पंदानाद श्रीकुमारमंगलम सुब्रमण्यम स्वामी का मंदिर कहा जाता है। मंदिर के गुंबद को कुछ विदेशियों ने जब इसे करोड़ों रुपए में खरीदने की इच्छा जताई तब मंदिर प्रशासन और गांव के लोगों को पहली दफा पता चला की यह मंदिर कितना महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से निवेदन कर इसकी सुरक्षा बढ़ाई।

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स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के बारे में कहा कि मंदिर का पवित्र पावन गर्भ गृह स्टोन और लकड़ी से बनाया गया है, लेकिन इसकी छत तांबे (कॉपर) की है लेकिन गुंबद विश्व की सर्वाधिक अमूल्य धातु इरेडियम का बना है यह कोई नहीं जानता था। इस धातु के कारण ही इस मंदिर के चारों और प्रकाश पुंज निर्मित हो जाता है जो अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है। हालांकि अब भी यह रहस्य बरकरार है कि क्या यह खबर सही है? सही है तो उस गुबंद की धातु क्या अब भी सुरक्षित है?


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com