Navratri 2025: नवरात्रि का छठा दिन आज! पंचमी तिथि पर हो रही माँ स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजा की विधि, मंत्र और धार्मिक महत्व

नवरात्रि का छठा दिन माँ दुर्गा के वीरांगना रूप माँ कात्यायनी को समर्पित है। उन्हें साहस, विजय और नकारात्मकता पर जीत की देवी माना जाता है। इस दिन विशेष रंग पहनने, खास भोग अर्पित करने और सही मुहूर्त में पूजा करने से जीवन में संतुलन, विवाह योग और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

Navratri 2025: नवरात्रि का छठा दिन आज! पंचमी तिथि पर हो रही माँ स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजा की विधि, मंत्र और धार्मिक महत्व

mage Source: WisdomHindi

Modified Date: September 27, 2025 / 08:33 am IST
Published Date: September 27, 2025 8:09 am IST
HIGHLIGHTS
  • भोग में मीठा पान, मौसमी फल और शहद चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं।
  • इस दिन का शुभ रंग है धूसर (ग्रे), जो संतुलन और आत्मबल का प्रतीक है।
  • नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की आराधना से साहस और विवाह योग मिलता है।

Navratri 2025: का आज का दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता को समर्पित होता है। माँ स्कंदमाता को माँ का मातृरूप माना जाता है। ये ज्ञान, मोक्ष, प्रेम और वात्सल्य की देवी हैं। इनकी उपासना से साधक को न केवल आध्यात्मिक उन्नति मिलती है, बल्कि पारिवारिक सुख और संतान संबंधी आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइये जानते हैं आज के दिन की खासियत और पूजा करने के फायदे।

माँ स्कंदमाता कौन सी देवी हैं?

माँ स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। उनका वाहन सिंह है और वे गोद में बाल स्कंद को धारण किए रहती हैं। उनके पाँच हाथ होते हैं: दो हाथों में कमल, एक में स्कंद, एक में आशीर्वाद मुद्रा और एक में वरद मुद्रा होती है। उन्हें कमलासन देवी भी कहा जाता है क्योंकि वे कमल पर विराजमान होती हैं।

आज के दिन की पूजा का महत्व

Navratri 2025: माँ स्कंदमाता की पूजा से संतान प्राप्ति और उसकी उन्नति के मार्ग खुलते हैं। ये दिन माँ की ममता और परिवार के कल्याण का प्रतीक है। पूजा करने से मन, बुद्धि और आत्मा को शुद्धि मिलती है। उनकी कृपा से भक्त को संसारिक कष्टों से मुक्ति और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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शुभ मुहूर्त (27 सितंबर 2025, शनिवार)

पंचमी तिथि आरंभ: 26 सितंबर 2025, रात 10:56 बजे

पंचमी तिथि समाप्त: 27 सितंबर 2025, रात 12:03 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:36 से 5:24 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 से 12:36 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:12 से 3:00 बजे तक

माँ स्कंदमाता की पूजा विधि

  • स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ कर के माँ की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • माँ को सिंदूर, चंदन, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • माँ को कमल के फूल विशेष रूप से प्रिय हैं इन्हें अर्पित करना श्रेष्ठ माना जाता है।
  • भोग में फल, दूध से बनी मिठाइयाँ, और विशेष रूप से केले या पीले मिठाई अर्पित करें।

आज का शुभ रंग: धूसर (ग्रे )

धूसर रंग बुद्धि, ज्ञान और शांति का प्रतीक है।
धूसर वस्त्र पहनकर माँ की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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