Utpanna Ekadashi 2025: एकादशी व्रत के दिन इन नियमों की अनदेखी करना पड़ सकता है भारी, जानें कौन-कौन से नियम हैं बिल्कुल अनिवार्य

एकादशी व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है। इस दिन श्रद्धा से व्रत करने वालों को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। व्रत के सख्त नियम हैं, जिनका पालन न करने पर व्रत टूट जाता है और फल नहीं मिलता।

Utpanna Ekadashi 2025: एकादशी व्रत के दिन इन नियमों की अनदेखी करना पड़ सकता है भारी, जानें कौन-कौन से नियम हैं बिल्कुल अनिवार्य

(Utpanna Ekadashi 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: November 14, 2025 / 11:16 am IST
Published Date: November 14, 2025 11:10 am IST
HIGHLIGHTS
  • 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है।
  • चावल और तामसिक चीजों का सेवन वर्जित है।
  • व्रत से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

Utpanna Ekadashi 2025: मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन एकादशमी माता उत्पन्न हुई थीं, इसलिए इस व्रत का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। कई भक्त इस दिन से पूरे साल रखने वाले एकादशी व्रत की शुरुआत करते हैं। इस साल यह व्रत शनिवार 15 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से अनजाने में किए गए पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उत्पन्ना एकादशी व्रत का समय

  • व्रत आरंभ: शनिवार 15 नवंबर, मध्यरात्रि 12:49 बजे।
  • व्रत समाप्ति: रविवार 16 नवंबर, मध्यरात्रि 2:37 बजे।
  • पारण का समय: 16 नवंबर को दोपहर 1:10 बजे से 3:18 बजे तक।
  • हरि वासर समाप्ति: सुबह 9:09 बजे।

उत्पन्ना एकादशी व्रत के दिन ये गलतियां न करें

चावल का सेवन वर्जित

एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है। इसके बजाय सात्विक भोजन जैसे कुट्टू, साबूदाना और सिंघाड़ा लिया जा सकता है।

तामसिक चीजों का सेवन न करें

इस दिन लहसुन, प्याज, मांस और शराब का सेवन पूरी तरह मना है। दशमी से द्वादशी तक घर में इन्हें रखना भी व्रत की पवित्रता को नुकसान पहुंचाता है।

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ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक

एकादशी के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धि जरूरी है। क्रोध, झगड़ा या बुरे विचार से दूर रहें और भगवान विष्णु का नाम जप करें।

बाल और नाखून न काटें

इस दिन बाल कटवाना, नाखून काटना और दाढ़ी बनवाना अशुभ माना जाता है। केवल स्नान और सात्विक दिनचर्या अपनाएं।

पारण सही समय पर करें

व्रत जितना महत्वपूर्ण है, पारण करना भी उतना ही बहुत जरूरी है। केवल पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त पर ही व्रत खोलें।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।