Vat Savitri 2023 Amavasya: वट सावित्री व्रत पर बन रहे दो दुर्लभ योग, पूरी होगी सुहागन महिलाओं की हर मुराद

वट सावित्री व्रत पर बन रहे दो दुर्लभ योग, पूरी होगी सुहागन महिलाओं की हर मुराद! Vat Savitri 2023 Kab Hai Vat Savitri 2023 Amavasya

  •  
  • Publish Date - May 11, 2023 / 04:05 PM IST,
    Updated On - May 11, 2023 / 04:05 PM IST

रायपुर: Vat Savitri 2023 Kab Hai हिंदू धर्म में वट सावित्री के व्रत का बेहद महत्च है। शास्त्रों में ऐसा बताया गया कि ये व्रत महिलाएं कई युगों से कर रहीं हैं। पुराने समय में भी महिलाएं व्रट सावित्री का व्रत करती थीं। वट सावित्री पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार व्रट सावित्री का व्रत 19 मई को रखा जाएगा। इस पर्व पर सुहागिन महिलाएं पूरे दिन उपवास करतीं हैं और बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं वट सावित्री की कथा भी सुनतीं हैं, क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है और मुरादें भी पूरी नहीं होती।

Read More: प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर! MBBS व BDS में आरक्षित होंगी पांच प्रतिशत सीटें, जारी हुआ आदेश 

Vat Savitri 2023 Kab Hai हिंदी पंचांग के अनुसार ज्‍येष्‍ट अमावस्‍या तिथि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 19 मई को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि व्रत सावित्री व्रत रखने से करवा चौथ के व्रत करने के बराबर फल मिलता है। इस बार वट सावित्री व्रत के दिन गज केसरी योग और शश राजयोग भी पड़ रहा है। इन दोनों योग को पूजा-पाठ, शुभ काम करने के लिए बेहद शुभ माना गया है।

Read More: सुपरहिट हुई ‘दे केरल स्टोरी’, 6 दिन में कर ली बजट से डबल कमाई… 

वट सावित्री व्रत और पूजन विधि

  • वट सावित्री के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें
  • फिर लाल या पीले रंग के कपड़े धारण करें और सोलह श्रृंगार करें
  • इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें
  • फिर वट वृक्ष (बरगद) के नीचे बैठ कर पूजा करें
  • पेड़ की 7 परिक्रमा करते हुए सूत लपेटें
  • सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़ें या सुनें
  • वट वृक्ष को श्रृंगार का सामान, ऋतु फल, फूल अर्पित करें
  • पूजा में भीगे हुए चने जरूर चढ़ाएं और आखिर में घर के बड़ों का आशीर्वाद लें

Read More: आईपीएल क्रिकेट में सट्टा खिलाने वाले 6 आरोपी गिरफ्तार, 50 हजार नगद और 45 लाख से ज्यादा की सट्टा-पट्टी बरामद

महिलाएं क्यों रखती हैं वट सावित्री का व्रत

वट सावित्री व्रत का इतिहास कई हजारों साल पुराना है। हिंदू धर्म के अनुसार, सती सावित्री ने अपने विवाहित जीवन के लिए लगभग प्राण त्याग दिए थे। उन्हें उनके पति सत्यवान को पुनर्जीवित करने के बाद वट के वृक्ष के चारों ओर धागा बांधने का उपदेश दिया गया था। इस दिन से यह व्रत मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं वट के वृक्ष की पूजा करती हैं और पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस व्रत का समाज में काफी महत्त्व है, जो इस बात का अहसास कराता है कि संसार में कोई भी व्यक्ति कर्मों के आधार पर ही सफल हो सकता है। इस व्रत के जरिए महिलाएं अनुशासन, संयम, विश्वास और धार्मिकता के लिए एक संदेश देती हैं।

 

 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक