Maha Shivratri Ki Katha in Hindi

Maha Shivratri Katha in Hindi: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि? जानिए इस दिन की अलग-अलग पौराणिक कथाएं

Maha Shivratri Ki Katha in Hindi: महाशिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

Edited By :  
Modified Date: February 24, 2025 / 05:38 PM IST
,
Published Date: February 21, 2025 4:58 pm IST
HIGHLIGHTS
  • इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।
  • मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
  • महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं।

Maha Shivratri Katha in Hindi: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसे उनके विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं। कहा जाता है कि, इस दिन व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।

read more: Maha Shivratri Vrat Sabudana Recipe: क्या महाशिवरात्रि पर आप भी रखेंगे व्रत? बनाएं साबूदाने की मस्त खिचड़ी, यहां देखें बनाने की रेसिपी 

भारत में महाशिवरात्रि का अपना एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। कई वेद और पुराणों में महाशिवरात्रि के दिन को काफी पवित्र माना गया है। आज के दिन पैदा होने वाले बच्चे काफी भाग्यशाली और गुणवान होते है। आज के दिन अगर कोई श्रद्धालु सच्चे हृदय से भगवान शिव और मां पार्वती की अराधना करे तो उनकी मनोकामना जरुर पूरी होती है। फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने बैरागी छोड़कर माता पार्वती के संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि की पौराणिक कथाएं

अलग-अलग ग्रंथों में महाशिवरात्रि की अलग-अलग मान्यता मानी गई है। कहा जाता है कि शुरुआत में भगवान शिव का केवल निराकार रूप था। भारतीय ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आधी रात को भगवान शिव निराकार से साकार रूप में आए थे।

कई मान्यता के अनुसार भगवान शिव इस दिन अपने विशालकाय स्वरूप अग्निलिंग में प्रकट हुए थे। कुछ हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से ही सृष्टि का निर्माण हुआ था। ऐसी मान्यता हैं की इसी दिन भगवान शिव करोड़ो सूर्यो के समान तेजस्व वाले लिंगरूप में प्रकट हुए थे।

भारतीय मान्यता के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सूर्य और चंद्र अधिक नजदीक रहते हैं। इस दिन को शीतल चन्द्रमा और रौद्र शिवरूपी सूर्य का मिलन माना जाता हैं। इसलिए इस चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता हैं।

 

महाशिवरात्रि की कथा क्या है?

महाशिवरात्रि की कथा भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के दिन से जुड़ी हुई है। इस दिन भगवान शिव निराकार से साकार रूप में आए थे, और यह दिन ब्रह्मांड के निर्माण के साथ जुड़ा हुआ है। इस दिन की पूजा से कई प्रकार के पुण्य और आशीर्वाद मिलते हैं।

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में मनाया जाता है। इसके अलावा, इस दिन की पूजा से श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है।

महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्या लाभ होता है?

महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे कुंवारी कन्याओं को योग्य जीवनसाथी मिलता है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इस दिन की पूजा से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व क्या है?

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व इस दिन के भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में आने और ब्रह्मांड के निर्माण से जुड़ा है। इस दिन का व्रत और पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है।

महाशिवरात्रि के दिन क्या विशेष पूजन विधि है?

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का जल, दूध, शहद, फल, फूल आदि से अभिषेक करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। साथ ही, रात भर जागरण और मंत्रोच्चारण से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।