Second Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानिए पूजा विधि और महत्व

Second Mangla Gauri Vrat puja vidhi इस बार दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा। व्रत बहुत महत्व रखता है।

Second Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानिए पूजा विधि और महत्व

Worship method of Second Mangla Gauri Vrat

Modified Date: July 11, 2023 / 08:34 am IST
Published Date: July 11, 2023 8:34 am IST

Second Mangla Gauri Vrat puja vidhi : इस बार दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष का द्वितीय मंगला गौरी व्रत है। मंगला गौरी व्रत बहुत ही फलदायी माना गया है, यह अखंड सुहाग, संतान की रक्षा तथा संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी यह व्रत बहुत महत्व रखता है। यह दांपत्य जीवन की समस्या दूर करके घर में हो रहे कलह तथा सभी कष्टों से मुक्ति देता हैं।

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पूजा विधि

– श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें।
– नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें।
– मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें।
– फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। – ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’
– तत्पश्चात मंगला गौरी के चित्र या प्रतिमा को एक चौकी पर सफेद फिर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित किया जाता है।
– प्रतिमा के सामने एक घी का दीपक (आटे से बनाया हुआ) जलाएं। दीपक ऐसा हो जिसमें 16 बत्तियां लगाई जा सकें।
– फिर ‘कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्…।।’
– यह मंत्र बोलते हुए माता मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
– माता के पूजन के पश्चात उनको (सभी वस्तुएं 16 की संख्या में होनी चाहिए) 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें। इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज-धान्य (जिसमें गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) आदि चढ़ाएं।
– पूजन के बाद मंगला गौरी की कथा सुनी जाती है।
– इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है।
– शिवप्रिया पार्वती को प्रसन्न करने वाला यह सरल व्रत करने वालों को अखंड सुहाग तथा पुत्र प्राप्ति का सुख मिलता है।

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मंगला गौरी व्रत का क्या है महत्व

Worship method of Second Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी व्रत का पालन कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था और उन्हें पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है, इसके साथ जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मंगला गौरी व्रत रखने से पति को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

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