Yogini Ekadashi 2024: कब है योगिनी एकादशी का व्रत!, इस विधि से करें भगवान विष्णु पूजा, जानें क्या है इसका महत्व और मुहूर्त

Yogini Ekadashi 2024: कब है योगिनी एकादशी का व्रत!, इस विधि से करें भगवान विष्णु पूजा, जानें क्या है इसका महत्व और मुहूर्त

Yogini Ekadashi 2024: कब है योगिनी एकादशी का व्रत!, इस विधि से करें भगवान विष्णु पूजा, जानें क्या है इसका महत्व और मुहूर्त

Indira Ekadashi 2024

Modified Date: June 30, 2024 / 11:00 am IST
Published Date: June 30, 2024 10:57 am IST

Yogini Ekadashi 2024:  निर्जला एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी से पहले की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार योगिनी एकादशी आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। इस दिन भगवान श्रीहरि एवं मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। विद्वानों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत तीनों लोकों में विख्यात है। यह व्रत एवं अनुष्ठान करने वाले जातकों के सारे पाप कट जाते हैं। वहीं इस साल योगिनी एकादशी 2 जुलाई 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी।

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मुहूर्त

पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 01 जुलाई को सुबह 10:26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 02 जुलाई को सुबह 08:42 मिनट पर पर होगा। ऐसे में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा।

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पूजा विधि

अन्य एकादशियों की तरह इस एकादशी में भी एक दिन पूर्व संध्याकाल से अन्न त्याग देना चाहिए। योगिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। बेहतर होगा कि पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करें, क्योंकि श्रीहरि का यह प्रिय रंग है। अब पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और इस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। चौकी पर गंगाजल छिड़ककर श्रीहरि एवं मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। धूप-दीप प्रज्वलित करें और निम्न मंत्र का जाप करते हुए पूजा जारी रखें।

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महत्व

साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, जो बेहद कठिन होता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे में आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी का महत्व अधिक बढ़ जाता है।

लगाएं पंचामृत का भोग

योगिनी एकादशी पर पूजा के अंत में प्रभु को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और श्री हरि प्रसन्न होते हैं। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं और इंसान को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।

 

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