J&K Election 2024
नई दिल्ली : J&K Election 2024: जम्मू कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा इलेक्शन को लेकर माहौल बनने लगा है। हर दल एक दूसरे की घेराबंदी करने नई-नई रणनीति के साथ मैदान में उतर गया है। एक तरफ कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का हाथ पकड़कर सियासी दांव खेला, तो बीजेपी ने भी 370 के बहाने एक बार फिर राष्ट्रवाद वाला पैंतरा चला। जिसके बाद घाटी की लड़ाई. पूरे देश में छा गई है।
J&K Election 2024: चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही जम्मू कश्मीर में सियासी दांवपेंच का खेल शुरू हो गया है। धारा 370 के बाद घाटी मे पहली बार चुनाव हो रहा। जिसमें फतह के लिए बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत तमाम दलों ने कमर कस ली है। सियासी समीकरण को साधने गठबंधन की बिसात भी बिछने लगी है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के जम्मू-कश्मीर की यात्रा के बाद कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाने का ऐलान किया। ऐलान के बाद जैसे बीजेपी को बैठे-बिठाए मौका मिल गया। केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस-NC गठबंधन पर निशाना साधते कांग्रेस से सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस नेशनल कान्फेंस के 370 वाले एजेंडे का समर्थन करती है..क्या राहुल और कांग्रेस एक देश में फिर दो झंडा चाहती है। तो वहीं अब इस रण में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को राष्ट्रविरोधी करार दिया है। तो वहीं कांग्रेस अपना बचाव करती हुई शाह से बीजेपी – PDP गठबंधन पर सवाल कर रही है।
वैसे अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ही नहीं बल्कि पूरी बीजेपी ने कांग्रेस-NC के गठबंधन पर हमलावर है। बीजेपी नेता लगातार सवाल उठाते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने X पर पोस्ट करते हुए. कांग्रेस और राहुल गांधी को विभाजनकारी बताया और राहुल गांधी से अमित शाह के 10 सवालों के जवाब भी मांगे। तो वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस से धारा-370 , अलग झंडे, और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर जवाब मांगा है और इधर शाह के सवालों पर छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने उल्टे अमित शाह से ही सवाल पूछ लिया है।
J&K Election 2024: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस- एनसी गठबंधन पर प्रहार किया।
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 चरणों में चुनाव हो रहे हैं..जिसके लिए कांग्रेस ने गठबंधन का दांव खेला तो बीजेपी ने नेशनल कांन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो को हथियार बनाते हुए कांग्रेस पर काउंटर अटैक कर रही है। सियासी दलों की जोर आजमाइश के बीच घाटी की जनता धारा 370 के बाद पहली बार वोट डालेगी। वो ही डिसाइड करेगी कि वो क्या चाहती है।