#SarkarOnIBC24: सनातन के खिलाफ दक्षिण के नेताओं की बढ़ रही नफरत, आखिर क्यों जारी है धर्म को ललकार, देखिये ‘सरकार’..

#SarkarOnIBC24: सनातन के खिलाफ दक्षिण के नेताओं की बढ़ रही नफरत, आखिर क्यों जारी है धर्म को ललकार, देखिये ‘सरकार’..

Sarkar On IBC24

Modified Date: September 7, 2023 / 11:51 pm IST
Published Date: September 7, 2023 11:51 pm IST

Sarkar On IBC24: सनातन का मतलब है, जिसका कोई आदि और अंत नहीं है। लेकिन इस पर विवाद कैसे शुरू हुआ, ये सबको पता है.. बस इसका अंत कब और कैसे होगा.. ये किसी को पता नहीं। एक सितंबर को डीएमके विधायक उदयनिधि स्टालिन के अपमानजनक बयान से शुरू हुआ सनातन विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.. हर दिन नई नफरती बयानबाजी हो रही है और धीरे-धीरे पूरा देश इस विवाद के जद में आता जा रहा है। अब डीएमके सांसद ए राजा और आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद ने इस विवाद को भड़का दिया है।

तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर के विवादित बयान के बाद डीएमके पार्टी के एक और नेता ने सनातन धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की जानी चाहिए।

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इसके बाद सनातन के खिलाफ जहर उगलने की आंच दक्षिण भारत से बिहार तक पहुंच गई। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि तिलक लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया। मंदिर बनाओ और मस्जिद तोड़ो से देश नहीं चलेगा। इन नफरती बयानों का उत्तर भारत सहित देशभर में विरोध हो रहा है। संत समाज भी सड़कों पर उतर आया है और आस्था का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है।

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में नफरती बयानबाजी का फायदा उठाने की कोशिश भी हो रही है। दोनों ही राज्यों में धर्म रथ पर सवार कांग्रेस के लिए स्थिति थोड़ी असहज है लेकिन भाजपा खुल कर मैदान में है। पीएन नरेंद्र मोदी ने भी एनडीए नेताओं को ऐसे बयानों का माकूल जवाब देने का इशारा किया है।

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तमिलनाडु समेत दक्षिण भारतीय राज्यों में लंबे समय से सनातन विरोधी राजनीति चली आ रही है। ऐसे में इस विवाद से स्थानीय तौर पर ध्रुवीकरण बढ़ सकता है.. लेकिन उत्तर भारतीय राज्यों में डीएमके के सहयोगी दलों और गठबंधन के लिए ये दांव उल्टा पड़ सकता है। इस बीच देशभर की 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है।

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