किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी: Read Two Line attitude Shayari, quotes, sms in Hindi

किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी: Read Two Line attitude Shayari, quotes, sms in Hindi
Modified Date: January 27, 2024 / 05:27 pm IST
Published Date: January 27, 2024 5:27 pm IST

किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी: अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना इतना गतिशील कभी नहीं रहा! हिंदी कविता एक ऐसा कैनवास है जो हमें अपने अनुभवों को व्यक्त करने का अधिकार देता है, जो अक्सर सामान्य अभिव्यक्तियों के लिए बहुत गहरे होते हैं। हमने आपके लिए किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी आपके लिए लिखी है, जिन्हे आप अपने मित्रो के साथ शेयर कर सकते है।

नकारात्मकता से निपटना मनोरंजक हो सकता है, खासकर जब कोई हमारा बुरा चाहता हो। अपने विरोधियों से निपटने के लिए सबसे प्रभावी रणनीति आगे बढ़ना है, क्योंकि यह उन्हें ईर्ष्या से हरा देता है। दूसरों को ईर्ष्यालु बनाना आसान काम है; कुछ अच्छी तरह से चुने गए शब्द ईर्ष्या और क्रोध भड़काने के लिए पर्याप्त हैं। कभी-कभी, लोगों को उनकी जगह याद दिलाना महत्वपूर्ण होता है, ताकि वे हमें असुरक्षित लक्ष्य के रूप में समझने से रोक सकें। डिजिटल युग में, सोशल मीडिया डराने-धमकाने और अपमानित करने का माध्यम बन गया है। एक रणनीतिक स्थिति अद्यतन आसानी से नाम का उल्लेख किए बिना ईर्ष्या को प्रज्वलित कर सकता है। जो लोग ईर्ष्या या शत्रुता रखते हैं वे अप्रत्यक्ष संचार को समझेंगे और इस प्रक्रिया में खुद को पहचानेंगे। हर किसी के जीवन में, नकारात्मक भावनाओं वाले कुछ व्यक्ति होते हैं जिनका हम सामना करते हैं; ऐसी स्थितियों से कैसे निपटना है यह जानना महत्वपूर्ण है।

किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी

अपनी तकदीर तो खुद ही लिखनी पड़ती है,
चिट्ठी नहीं है जो किसी और से लिखवा ले !!

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ज़िन्दगी का उसूल बना लो
जलने वालो की और जला दो

इतना गुमान मत रखो गोरे रंग का हम दूध से ज़ादा चाय के दीवाने हैं।

गूलाम हूँ अपने घर के संस्कारों का, वरना
तेरी औकात दिखाने का हूनर मैं भी रखता हूँ।

इस बात से लगा लेना मेरी शक्शियत का अंदाजा
वो लोग मुझे सलाम करते है जिन्हे तूम सलाम करता हो ।

तुमने जो किया सब खबर है
अब तू सब के लिए बेखबर है।

हमारे सामने औकात की बातें ना किया करो,
हम अपनी पर उतर गए तो आप हमारे सामने टिक नही पाओगे !

Two Line attitude Shayari

ख़ुदा सलामत रखे उन आँखों को जिनमे आजकल हमें चुभते बहुत हैं।

 

भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा,
भीड़ जिसके लिए खड़ी हो वो बनना है मुझे।

छाप अपनी वो छोड़ जाएंगे,
कभी भूला व मिटा नही पाओगे।

वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियां,
जिनकी औकात नहीं होती हमें छूने की।

जिसका हिसाब कोई रखता नहीं
वह खोटे सिक्के हो तुम।

बात बात पर बिगड़ा मत करो,
हम बिगड़े तो तुम्हारा नक्शा बिगाड़ देंगे।

जब लोग हमारी बराबी नहीं कर पाते है तो,
हमारे पीठ पीछे हमारी बुराई करनी शुरू कर देते है !


लेखक के बारे में

A tech enthusiast, I am eager to dive into the world of internet. I have been in the field of blogging and digital marketing for almost 4 years. I am a Junior DME in IBC24.