History of Mughal Badshah Akbar: इतिहास में मुगल सल्तनत के कई किस्से कहानियां सुने-सुनाए जाते हैं, इन्हीं किस्सों में एक किस्सा तब का है जब हुमायूं का इंतकाल हो गया था। उस वक्त अकबर की उम्र थी महज 14 साल। ये वो वक्त था जब हेमू ने मौका देखा और दिल्ली पर अधिकार कर लिया। मुगल सैनिक चिंतित थे। अकबर की उम्र 14 साल थी, उसे सलाह दी गई कि काबुल भाग जाओ, लेकिन जलालुद्दीन अकबर ने इससे इन्कार कर दिया। संरक्षक बैरम खां के साथ मिलकर युद्ध की तैयारी की और पानीपत में युद्ध छिड़ गया। शायद हेमू युद्ध जीत जाता अगर कहीं से एक तीर आकर उसकी आंख में न लगता।
हेमू जब घायल हो गया तो बैरम खां ने अकबर से कहा कि हेमू को मार दे और गाजी की पदवी धारण करे। मगर अकबर ने इससे इन्कार कर दिया। यही अकबर आगे चलकर ऐसा मुगल बादशाह बना जो हर बार हत्या के नए तरीके अपनाता था। अकबर ने किसी को किले के परकोटे यानी प्राचीर से नीचे फिंकवाया तो किसी को पानी में इतनी बार डुबाया कि उसकी जान निकल गई।
हेमू की हार के बाद अकबर का प्रभाव बढ़ता रहा। ये तय हो चुका था हिंदू साम्राज्य की स्थापना अब दूर की बात है। ऐसे में राजपूत शासक भी अकबर की दासतां स्वीकारते रहे। अब तक अकबर बैरम खां के प्रभाव में था, लेकिन जैसे ही अपनी मुख्य धाय माहम अनगा के प्रभाव में आया वैसे ही बैरम खां से उसकी दूरी हो गई। मक्का की यात्रा पर जाते समय बैरम खां की हत्या कर दी गई, अब अकबर बूरी तरह से माहम अनगा और हरम की स्त्रियों के प्रभाव में था।
History of Mughal Badshah Akbar: माहम अनगा के पुत्र का नाम था आधम खां, माहम के कहने पर उसे मालवा अभियान के लिए चुना गया। आधम ने मालवा पर कब्जा कर लिया, लेकिन इतने अत्याचार किए कि खुद अकबर को वहां जाना पड़ा। माहम के हस्तक्षेप से आधम बच गया, लेकिन उसे आगरा बुला लिया गया। यहां अकबर ने अतगा खां को वकील बनाया। इससे माहम अनगा, आधम खां का प्रभाव खत्म होने लगा। आधम ने षड्यंत्र रचकर अतगा खां की हत्या करा दी। इस पर अकबर को इतना गुस्सा आया कि उसने आधम खां को किले के परकोटे से फेंकने का आदेश दिया। वह नहीं मरा तो उसे तब तक फेंकने का आदेश दिया जब तक उसकी मौत न हो जाए।
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अकबर के मामा का नाम ख्वाजा मोअज्जम था। अकबर ने उसे जागीर दी, लेकिन वह अपनी स्त्री की हत्या करना चाहता था। अकबर को जब यह पता चला तो उसने उस महिला की जान बचानी चाही, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो सका। अकबर को इतना गुस्साया आया कि उसने आदेश दिया कि ख्वाजा मोअज्जम को खूब मारा जाए और एक नाव पर ले जाकर बार-बार पानी में डुबोया जाए, जब तक मौत न हो जाए।
अनारकली मुगल सल्तनत की एक नर्तकी थी जो अकबर की बेहद खास बताई जाती थी।हालांकि अनारकली के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग तर्क है, लेकिन ज्यादातर इससे सहमत हैं कि अकबर और सलीम के बीच दूरी का असली कारण अनारकली ही थी। ऐसा कहा जाता है कि सलीम और अनारकली को एक-दूसरे से दूर करने के लिए अकबर ने अनारकली को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था।