अलीबाबा के संस्थापक अरबपति 'जैक मा' आखिर कहां गायब हो गए ? | Where did Alibaba's founder billionaire Jack Ma disappear?

अलीबाबा के संस्थापक अरबपति ‘जैक मा’ आखिर कहां गायब हो गए ?

अलीबाबा के संस्थापक अरबपति 'जैक मा' आखिर कहां गायब हो गए ?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : January 5, 2021/11:28 am IST

रायपुर। अलीबाबा के संस्थापक ‘जैक मा’ की बीते दो महीनों से सार्वजनिक अनुपस्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। एक टीवी शो जिसमें उन्हें बतौर जज शामिल होना था, उसमें भी उनकी मौजूदगी न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। ये ऐसे वक़्त हुआ है जब चीनी नियामक उनके विशाल व्यापारिक साम्राज्य पर शिकंजा कस रहे थे। चीन के शीर्ष कारोबारी जैक मा शंघाई में अक्टूबर के अंत से एक फोरम के बाद से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखाई दिए हैं, जहां उन्होंने अपने भाषण में चीन की नियामक प्रणाली पर सवाल उठाए थे।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इसकी वजह से ही उन्हें चीनी अधिकारियों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा और उनके एंट ग्रुप फ़िनटेक आर्म के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया गया। ‘द फ़ाइनेंशियल टाइम्स’ में शुक्रवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा को ’अफ़्रीकाज़ बिज़नेस हीरोज़’ नाम के गेम शो के नवंबर में होने वाले फ़ाइनल एपिसोड का जज बनाया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह किसी और को बुलाया गया। अलीबाबा के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि यह बदलाव उनके शेड्यूल की वजह से किया गया, उन्होंने इस मामले में आगे कुछ बताने से इनकार कर दिया।

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जैक मा के लापता होने से जुड़ी ख़बरें ट्विटर पर छाई रहीं, हालांकि ट्विटर चीन में प्रतिबंधित है, यह ख़बर भी मेन लैंड चाइना में एक महत्वपूर्ण ट्रेंडिंग टॉपिक नहीं था, क्योंकि वहां संवेदनशील विषय सेंसरशिप के अधीन हैं। चीनी नियामकों ने अक्टूबर में उनके भाषण के बाद से जैक मा के कारोबार पर नज़रे टेढ़ी कीं और अलीबाबा के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट जांच शुरू कर दी, यही नहीं उन्होंने एंट को क़र्ज़ देने के अपने मुख्य कारोबार को इसके ऑनलाइन पेमेंट डिविज़न से अलग करने का भी आदेश दिया।

कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि ‘अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा’ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से विवादों में आने के बाद से लापता हैं। करीब दो महीने से उनकी कोई खबर नहीं है। इसी बीच चीनी मीडिया से खबर आई है कि वह सरकारी एजेंसियों की निगरानी में हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो वह गिरफ्तार हो चुके हैं या फिर उन्हें नजरबंद कर के कहीं रखा गया है। जैक मा की गिरफ्तारी का कयास लगाए जाने की सबसे बड़ी वजह खुद चीन का रवैया है। चीन में आलोचकों की आवाज को दबा देना कोई नई बात नहीं है। चीन में इस बात का इतिहास रहा है कि वह किसी बड़ी हस्ती को अगर गिरफ्तार करते हैं तो जल्दी उसकी खबरें देश से बाहर नहीं निकल पाती हैं। इस बात का डर है कि कहीं ऐसा ही ना हुआ हो।

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ऐसे मौके पर जब ‘जैक मा’ लापता हैं, तब अलीबाबा का ये कहना कि वह अपना म्यूजिक बिजनस बंद कर रही है, लोगों को ये भी ‘जैक मा और शी जिनपिंग के विवाद’ की वजह लग रहा है। बता दें कंपनी अगले महीने 5 फरवरी से अपना म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ग्पंउप डनेपब बंद करने जा रही है। इसकी घोषणा कंपनी ने वीबो अकाउंट पर की थी। कंपनी ने 2013 में इस ऑनलाइन म्यूजिक ऐप का अधिग्रहण किया था और अभी कंपनी के पास पूरे चीन का सिर्फ 2 फीसदी म्यूजिक मार्केट है। इससे पहले दिसंबर महीने की शुरुआत में ही ब्लूबर्ग ने रिपोर्ट किया था कि जैक मा का एंट ग्रुप अपने बहुत सारे फाइनेंशियल ऑपरेशन्स को समेट रहा है। शी जिनपिंग से विवाद के बाद से ही जैक मा पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।

जैक मा ने देश के ’ब्‍याजखोर’ वित्‍तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की पिछले साल अक्‍टूबर में शंघाई में दिए भाषण में कड़ी आलोचना की थी। दुनियाभर में करोड़ों लोगों के आदर्श रहे ‘जैक मा’ ने सरकार से आह्वान किया था कि ऐसे सिस्‍टम में बदलाव किया जाए जो ’बिजनस में नई चीजें शुरू करने के प्रयास को दबाने’ का प्रयास करे। उन्‍होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ’बुजुर्गों लोगों का क्‍लब’ करार दिया था। इस भाषण के बाद चीन की सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी भड़क उठी। जैक मा की आलोचना को कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर हमले के रूप में लिया गया। इसके बाद जैक मा के बुरे दिन शुरू हो गए और उनके बिजनस के खिलाफ असाधारण प्रतिबंध लगाया जाना शुरू कर दिया गया।

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नवंबर महीने में चीनी अधिकारियों ने जैक मा को जोरदार झटका दिया और उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया। वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को रद करने का आदेश सीधा चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आया था। इसके बाद जैक मा से क्रिसमस की पूर्व संध्‍या पर कहा गया कि वह तब तक चीन से बाहर न जाएं जब तक कि उनके अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच को पूरा नहीं कर लिया जाता है।