नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने बुधवार को कहा कि ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुकी सुनीता पूनिया की चक्का फेंक की साथी एथलीट कमलप्रीत कौर के हाइपरएंड्रोजेनिज्म (महिलाओं में पुरुष हार्मोन की अधिकता) परीक्षण करवाने की मांग पर उसकी परिवाद समिति गौर करेगी।
पूनिया ने मंगलवार को पटियाला में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप के अंतिम दिन 63.72 मीटर चक्का फेंककर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। उन्होंने एएफआई को पत्र लिखकर कमलप्रीत के प्रदर्शन में कम समय में बहुत अधिक सुधार पर चिंता व्यक्त करते हुए उनका हाइपरएंड्रोजेनिज्म परीक्षण करवाने के लिये कहा।
एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला से जब पूनिया के पत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘परिवाद समिति सभी शिकायतों पर गौर करती है। इस मामले पर भी समिति गौर करेगी। ’’
हाइपरएंड्रोजेनिज्म वह स्थिति होती है जबकि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है। इसे अन्य सामान्य एथलीटों की तुलना में प्रभावित एथलीट के लिये लाभ की स्थिति माना जाता है।
कमलप्रीत ने मार्च में फेडरेशन कप में 65.06 मीटर चक्का फेंककर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। यह तब राष्ट्रीय रिकार्ड था जिसमें उन्होंने 21 जून को इंडियन ग्रां प्री चार में 66.59 मीटर चक्का फेंककर सुधार किया था।
इस साल के इन दो प्रदर्शनों से पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 61.04 मीटर था जो उन्होंने 2018 में हासिल किया था। वर्ष 2019 में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 60.5 मीटर था।
पूनिया की मांग के बावजूद इस तरह के मामलों में विश्व एथलेटिक्स के महिलाओं की पात्रता संबंधी वर्तमान नियम स्पष्ट हैं कि वे फील्ड स्पर्धाओं पर लागू नहीं होते हैं। लैंगिक विकास में अंतर संबंधी नियम ट्रैक स्पर्धाओं पर लागू होते हैं।
भाषा पंत नमिता
नमिता
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