मेस्सी के कार्यकम में हुई अराजकता से 50 साल तक पश्चिम बंगाल पर असर पड़ेगा: चौबे

मेस्सी के कार्यकम में हुई अराजकता से 50 साल तक पश्चिम बंगाल पर असर पड़ेगा: चौबे

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 10:48 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 10:48 PM IST

कोलकाता, 14 दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष और भाजपा नेता कल्याण चौबे ने रविवार को दावा किया कि यहां सॉल्ट लेक स्टेडियम में फुटबॉल सुपरस्टार लियोनल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान हुई अराजकता का व्यापक असर होगा और इससे 50 से ज्यादा वर्षों तक कोलकाता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।

मेस्सी के चार शहरों के ‘जीओएटी भारत दौरे 2025’ का कोलकाता में पहला चरण शनिवार सुबह खराब भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में चूक के कारण अराजकता में बदल गया, जिसमें अर्जेंटीना के सुपरस्टार को सेल्फी लेने वाले राजनेताओं और वीआईपी ने घेरकर उन्हें धक्का दिया।

नतीजतन मेस्सी अपने इंटर मियामी टीम के साथियों लुइस सुआरेज और रोड्रिगो डि पॉल के साथ 20 मिनट में कार्यक्रम खत्म करके अपने होटल लौट गए और शाम को दौरे के दूसरे पड़ाव के लिए हैदराबाद रवाना हो गए।

कार्यक्रम का समय कम होने से भीड़ के कुछ हिस्सों में अशांति फैल गई जिसमें गुस्साए दर्शकों ने स्टेडियम में तोड़फोड़ की जिससे टूटी हुई कुर्सियां, क्षतिग्रस्त कैनोपी और पिच पर चारों ओर पानी की बोतलें बिखरी पड़ी थीं। दर्शकों ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों रुपये खर्च किए थे।

इस घटना को भारतीय फुटबॉल के मक्का माने जाने वाले शहर के लिए ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए चौबे ने कहा, ‘‘जब ऐसी कोई घटना होती है तो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है। ’’

उन्होंने भाजपा की मीडिया बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो दुनिया के सबसे महान फुटबॉलरों में से हैं और दुनिया भर में लाखों लोग उनका अनुकरण करते हैं। ’’

चौबे ने कहा, ‘‘फुटबॉल 211 देशों में खेला जाता है। दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहां फुटबॉल नहीं खेला जाता हो। यहां तक ​​कि सबसे छोटे द्वीपों पर भी फुटबॉल खेला जाता है। जब ये दोनों कहीं भी जाते हैं तो दुनिया भर का मीडिया उनका पीछा करता है और उनके हर कदम पर नजर रखता है। ’’

चौबे ने कहा कि इसका तत्काल असर उन खेल प्रेमियों पर पड़ा जिन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी रकम खर्च की थी लेकिन चेताया कि इसके दीर्घकालिक परिणाम कहीं ज्यादा नुकसानदायक हो सकते हैं क्योंकि यह घटना ऐसे समय में हुई जब भारत खुद को एक वैश्विक खेल स्थल के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक व्यक्ति या किसी राजनीतिक दल का नुकसान नहीं है। यह पश्चिम बंगाल और पूरे देश का नुकसान है। ’’

चौबे ने कहा, ‘‘अगर आज भारत पश्चिम बंगाल में किसी अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए बोली लगाता है तो यह घटना एक बाधा के रूप में काम करेगी। यह सिर्फ आज की बात नहीं है, जब कार्यक्रम ठीक से नहीं हो सका। इसका असर बंगाल में 50 साल तक महसूस किया जाएगा। ’’

एआईएफएफ अध्यक्ष ने कहा कि कोलकाता ने पहले भी दिग्गज खिलाड़ियों और बड़े फुटबॉल कार्यक्रम की सफलतापूर्वक मेजबानी की है जिसमें पेले, डिएगो माराडोना, ओलिवर कान और लोथार मथाउस जैसे दिग्गजों के दौरे शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी कार्यक्रम गरिमा के साथ आयोजित किए गए थे। कल सॉल्ट लेक स्टेडियम में जो हुआ, उसे टाला जा सकता था। बंगाल और कोलकाता के लिए, यह लंबे समय तक याद रखा जाएगा। ’’

चौबे ने कहा, ‘‘भारत 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने वाला है। खेल एक ‘सॉफ्ट पावर’ है जिसमें फुटबॉल सबसे ऊपर है और इस घटना ने 211 फुटबॉल खेलने वाले देशों में देश की छवि को खराब किया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें इन तकनीकी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए थी। हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, और नियमों का पालन करना चाहिए था ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित किया जा सके। जैसा हमने पहले देखा है। ’’

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द