अर्शदीप अब परिपक्व और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गए हैं, बचपन के कोच जसवंत राय

अर्शदीप अब परिपक्व और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गए हैं, बचपन के कोच जसवंत राय

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  • Publish Date - December 4, 2025 / 06:02 PM IST,
    Updated On - December 4, 2025 / 06:02 PM IST

विशाखापत्तनम, चार दिसंबर (भाषा) अर्शदीप सिंह कह चुके हैं कि उनका पसंदीदा शौक वसीम अकरम और जहीर ख़ान के यूट्यूब वीडियो देखना है ताकि यॉर्कर और रिवर्स स्विंग की बारीकियां सीख सकें।

अर्शदीप ने इन वीडियो से मिली सीख का इस्तेमाल टी20 अंतरराष्ट्रीय में खूब किया है इसलिए ऐसा यू हीं नहीं हुआ है कि वह इस प्रारूप में 100 से अधिक विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने।

लेकिन हाल में रांची और रायपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके स्पेल ने यह दिखाया कि इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को 50 ओवर के प्रारूप में लगातार मौके दिए जाने चाहिए क्योंकि अभी तक उन्हें इतने ज्यादा मौके नहीं मिले हैं।

अगर प्रत्येक मैच में उनके आंकड़े देखें (64 रन देकर दो विकेट और 54 रन देकर दो विकेट) तो यह सामान्य लगते हैं। लेकिन इन्हें दक्षिण अफ्रीका के 332 और 362 रन के विशाल स्कोर के साथ देखें तो तस्वीर बदल जाती है।

दोनों ही मैचों में अर्शदीप को रात में ओस भरी ठंड में गेंदबाजी करनी पड़ी। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया और दोनों मैचों में उनकी इकोनॉमी रेट (रांची में 6.4 और रायपुर में 5.4) सभी तेज गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ रहा।

रायपुर में हर्षित राणा ने प्रति ओवर सात रन दिए और प्रसिद्ध कृष्णा ने 10.20 की दर से रन दिए।

हालांकि यह कहा जा सकता है कि अर्शदीप ने ज्यादातर गेंदबाजी तब की जब गेंद अपेक्षाकृत सूखी थी। पहले पावरप्ले में और फिर 44वें ओवर के बाद गेंद बदलने पर।

लेकिन फिर भी क्विंटन डिकॉक और मार्को यानसेन जैसे बल्लेबाजों को अच्छी पिच पर रोकना या आउट करना आसान नहीं होता। इसके लिए गेंदबाज को हालात की समझ, सही लेंथ और मैदान के मुताबिक गेंदबाजी की कला आनी चाहिए।

उनके बचपन के कोच जसवंत राय कहते हैं, ‘‘इस चीज में पिछले समय में उसके अंदर काफी सुधार हुआ है। वह परिस्थितियों को समझते हैं, लेंथ के अनुसार सांमजस्य बिठाते हैं। अब गेंदबाजी में विविधता लाने का महत्व समझते हैं ताकि उनकी गेंदों का अनुमान नहीं लग सके। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सफेद गेंद के क्रिकेट में यह बहुत जरूरी है क्योंकि बल्लेबाज हमेशा रन बटोरना चाहते हैं। वह अब एक परिपक्व और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गया है। ’’

राय की बात पहले वनडे में उनके तीसरे स्पैल को देखकर सही साबित होती है जिसमें भारत ने 17 रन से जीत दर्ज की थी।

छब्बीस वर्षीय अर्शदीप आखिरी पावरप्ले में लौटे और तीन ओवर में सिर्फ 16 रन दिए। साथ ही नांद्रे बर्गर को आउट कर मैच को निर्णायक मोड़ दिया। बल्कि 47वां ओवर मेडन रहा जिसमें उन्होंने बर्गर को आउट किया था।

भाषा नमिता सुधीर

सुधीर