बजरंग ने कोच नरेश दहिया की छवि खराब करने के लिए उनसे माफी मांगी

बजरंग ने कोच नरेश दहिया की छवि खराब करने के लिए उनसे माफी मांगी

बजरंग ने कोच नरेश दहिया की छवि खराब करने के लिए उनसे माफी मांगी
Modified Date: May 29, 2025 / 05:35 pm IST
Published Date: May 29, 2025 5:35 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कुश्ती कोच नरेश दहिया की छवि धूमिल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।

तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ मिलकर बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें उन पर कई जूनियर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।

बजरंग ने 10 मई 2023 को जंतर मंतर पर धरने के दौरान प्रेस कांफ्रेसं में कहा था कि नरेश दहिया खुद बलात्कार के आरोपी हैं इसलिए उन्हें उनके विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

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इसके बाद दहिया ने बजरंग को अदालत में घसीटकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। बजरंग को अदालत ने समन जारी किया था और उन्हें चौथी सुनवाई में जमानत भी दे दी थी।

बजरंग ने 17 मई को कोच से माफी मांगी और अपने किए पर खेद जताया।

बजरंग ने अपने माफीनामे में कहा, ‘‘मैं जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के समय हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कोच नरेश दहिया के खिलाफ दिए गए गलत और असंवेदनशील बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं। ’’

इसकी एक प्रति पीटीआई के पास है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोच नरेश दहिया की छवि को हुए नुकसान और उनके खिलाफ मेरे गलत और असंवेदनशील बयान के कारण उनके प्रियजनों को हुए दर्द और पीड़ा के लिए गहरा खेद व्यक्त करता हूं। वह एक प्रतिष्ठित कोच हैं और उन्होंने देश को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मैं एक बार फिर खेद व्यक्त करते हुए उनसे और उनके प्रियजनों से दिल से माफी मांगता हूं। ’’

दहिया का पुरुष पहलवानों के लिए दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में छोटू राम व्यायामशाला के नाम का अखाड़ा (ट्रेनिंग सेंटर) हैं। वह राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विनोद (55 किग्रा) और रमेश गुलिया (74 किग्रा) जैसे पहलवानों को कोचिंग दे चुके हैं।

दहिया ने कहा, ‘‘विरोध प्रदर्शन से दो-चार महीने पहले ये पहलवान डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की प्रशंसा कर रहे थे। फिर अचानक मेरे खिलाफ एक अनजान व्यक्ति ने यह आरोप लगाया और बजरंग ने अपने संबोधन में इसका जिक्र किया। मैंने इस पर आपत्ति जताई और उसे अदालत में घसीटा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब जब उसने माफी मांग ली है तो मैंने इसे स्वीकार कर लिया है। उसके वकील ने माफी मांगने के लिए मेरे वकील से संपर्क किया था। मेरा बृज भूषण से कुछ लेना देना नहीं था। मैं बस तीन चार बार महासंघ के कार्यालय गया था क्योंकि काम के सिलसिले में महासंघ के दफ्तर जाना पड़ता है। मैंने उस समय उनसे बस इतना कहा था कि वे धीरे धीरे प्रदर्शन से हट जाएंगे लेकिन इसमें शामिल बच्चों को परिणाम भुगतने होंगे। बस इतना ही, और कुछ नहीं। ’’

बृज भूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मामला अदालत में चल रहा है।

भाषा नमिता मोना

मोना


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