घरेलू क्रिकेट का स्तर आईपीएल के समकक्ष, खिलाड़ियों को घरेलू टी20 और खेलने चाहिये : चक्रवर्ती

घरेलू क्रिकेट का स्तर आईपीएल के समकक्ष, खिलाड़ियों को घरेलू टी20 और खेलने चाहिये : चक्रवर्ती

घरेलू क्रिकेट का स्तर आईपीएल के समकक्ष, खिलाड़ियों को घरेलू टी20 और खेलने चाहिये : चक्रवर्ती
Modified Date: January 24, 2025 / 09:08 pm IST
Published Date: January 24, 2025 9:08 pm IST

चेन्नई, 25 जनवरी (भाषा) भारतीय स्पिनर वरूण चक्रवर्ती ने शुक्रवार को कहा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का स्तर आईपीएल के बराबर है और क्रिकेटरों को टी20 प्रारूप में अपना खेल बेहतर करने के लिये और घरेलू टूर्नामेंट खेलना चाहिये ।

चक्रवर्ती ने कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया था ।

उन्होंने दूसरे मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ घरेलू क्रिकेट का स्तर काफी ऊंचा है । मैं कहूंगा कि आईपीएल या बाकी अंतरराष्ट्रीय मैचों के बराबर । मैं सभी को सलाह दूंगा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलें क्योंकि हम छोटे मैदानों पर खेलते हैं । यह काफी चुनौतीपूर्ण है ।’’

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उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट खेलना काफी कठिन लगता है । इसे खेलने से मेरे प्रदर्शन में सुधार आया है ।’’

चक्रवर्ती ने इस सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी में 18 विकेट लिये और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सात मैचों में नौ विकेट चटकाये ।

टी20 क्रिकेट में अपनी तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ सबसे पहले मैं बल्लेबाजों के वीडियो देखता हूं कि वे शुरू में कैसे शॉट खेलते हैं और बाद में कैसे । उन्होंने कौन से नये शॉट खेलना शुरू किया है । मैं यह सब विश्लेषण करता हूं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ पिच को देखते हुए कुछ शॉट चलते हैं और कुछ नहीं । यह सब ध्यान में रखकर मैं तैयारी करता हूं ।’’

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिये उन्हें तीन साल इंतजार करना पड़ा लेकिन उन्होंने दिल छोटा नहीं किया ।

उन्होंने कहा ,‘‘ जब 2021 में मुझे बाहर किया गया तो मुझे अपने खेल के मानसिक पहलू और तकनीक पर काम करने का काफी मौका मिला । मैने अपनी गेंदबाजी में काफी बदलाव किया । अब मैं हर मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता हूं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ जीजी (गौतम गंभीर ) और सूर्या ( कुमार यादव ) यह सुनिश्चित करते हैं कि खिलाड़ियों पर बाहरी दबाव नहीं हो । वे बाहर की आवाजों को भीतर नहीं आने देते ।’

भाषा मोना सुधीर

सुधीर


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