भारत ने अपना इकलौता एटीपी 250 टूर्नामेंट भी गंवाया |

भारत ने अपना इकलौता एटीपी 250 टूर्नामेंट भी गंवाया

भारत ने अपना इकलौता एटीपी 250 टूर्नामेंट भी गंवाया

:   Modified Date:  June 9, 2023 / 03:06 PM IST, Published Date : June 9, 2023/3:06 pm IST

नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) भारतीय टेनिस को करारा झटका देते हुए उसके इकलौते एटीपी 250 टूर्नामेंट मेजबानी ले ली गई है जो 1996 से भारत में हो रहा था और पिछले कुछ साल में टाटा ओपन महाराष्ट्र के नाम से खेला गया ।

तमिलनाडु टेनिस संघ ने 13 साल के बाद जब मेजबानी छोड़ने का फेसला लिया तो महाराष्ट्र प्रदेश लॉन टेनिस संघ ने 2018 में इसे देश से बाहर जाने से बचाया ।

यह टूर्नामेंट एमएसएलटीए, महाराष्ट्र सरकार, आईएमजी और राइज वर्ल्डवाइड (रिलायंस समूह की पहल) के बीच एक समझौता था ।

एमएसएलटीए के सचिव सुंदर अय्यर और टूर्नामेंट निदेशक प्रशांत सुतार ने एक बयान में कहा ,‘‘ आईएमजी और राइज के साथ करार खत्म हो गया है । एमएसएलटीए ने पांच साल तक टूर्नामेंट के सफल आयोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी की । महाराष्ट्र सरकार और हमारे प्रायोजक टाटा ने महाराष्ट्र में टेनिस को बढावा देने के लिये सहायता का वादा किया है । जब भी किसी बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिलेगा जो खिलाड़ियों और भारतीय टेनिस के हित में होगा ।’’

एटीपी टूर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के मामले में यह बड़ा झटका है । खेल की लोकप्रियता तब बढती है जब रफेल नडाल, कार्लोस मोया, स्टान वावरिंका और मारिन सिलिच जैसे खिलाड़ी इसमें खेले । हाल ही में आयोजक सिलिच को ही ला सके थे ।

भारतीय खिलाड़ियों को होने वाले फायदे के संदर्भ में देखें तो यह बहुत बड़ा नुकसान नहीं है । अपनी निचली रैंकिंग के कारण भारतीय खिलाड़ी इसमें वाइल्ड कार्ड पर खेलते हैं । टूर्नामेंट में पिछले पांच सत्रों में 1250 रैंकिंग अंक मिले और भारतीय खिलाड़ी 80 ही ले सके । वे कभी दूसरे दौर के आगे नहीं गए ।

ऐसे में इस तरह के बड़े टूर्नामेंट की बजाय चैलेंजर टूर्नामेंट बेहतर होते हैं । चैलेंजर टूर्नामेंट खेलकर ही युकी भांबरी 2015 में शीर्ष सौ में पहुंचे । बेंगलुरू चैलेंजर जीतकर सुमित नागल और प्रजनेश गुणेश्वरन का कैरियर परवान चढा।

भाषा

मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)