India vs Australia WTC 2023: ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) 2023 का फाइनल मुकाबला रविवार (11 जून) को समाप्त हुआ। दो साल लंबे चले WTC (ICC World Test Championshi) के इस दूसरे सीजन के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को करारी शिकस्त मिली। लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए इस खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 209 रनों से जीत दर्ज की है।
#TeamIndia fought hard but it was Australia who won the match.
Congratulations to Australia on winning the #WTC23 Final.
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— BCCI (@BCCI) June 11, 2023
बता दें कि इंडिया टीम ने आखिरी बार 2013 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी। ऐसे में टीम इंडिया के पास एक दशक बाद पहला कोई ICC खिताब जीतने का मौका था, लेकिन कुछ ऐसे गलत फैसले और कमियों के कारण ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि WTC फाइनल में भारतीय टीम को इन 5 बड़े कारणों से हार का सामना करना पड़ा –
WTC फाइनल से ठीक पहले भारतीय खिलाड़ियों ने करीब दो महीने तक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खेला था, जो 31 मार्च से 29 मई तक चला था। इस बार IPL फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटन्स को हराकर खिताब जीता था। इस टूर्नामेंट के खत्म होने के तुरंत बाद ही भारतीय खिलाड़ी लंदन के लिए रवाना हो गए थे। यहां IPL के ठीक एक हफ्ते बाद ही यानी 7 जून से WTC फाइनल खेलना था। ऐसे में समझा जा सकता है कि दो महीने IPL खेलने के बाद खिलाड़ियों को बिल्कुल भी आराम नहीं मिला और उन्हें एक हफ्ते बाद 5 दिन का टेस्ट मैच खेलना पड़ा। यह खिलाड़ियों के लिए काफी मुश्किल रहा होगा।
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब जून में लंदन के द ओवल में कोई टेस्ट मैच हुआ। मैच में टॉस भारत के फेवर में ही था। कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। रोहित ने टॉस के वक्त कहा था कि पिच पर काफी घास है, ऐसे में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगा। रोहित के बयान से ऐसा लगा कि उन्होंने सही फैसला किया है, लेकिन मैच का पहला दिन खत्म होते होते मामला उलटा पड़ने लगा था। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा से पिच पढ़ने में गलती हो गई।
यदि भारतीय टीम टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला करती, तो शायद मामला कुछ अलग हो सकता था। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा स्कोर बनाना मुश्किल हो सकता था। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 3 विकेट 76 रनों पर गंवा दिए थे, मगर उसके बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने क्रीज पर पैर जमाए और चौथे विकेट के लिए 285 रनों की पार्टनरशिप कर टीम का स्कोर 469 रन तक पहुंचा दिया। इस पारी में हेड ने 163 और स्मिथ ने 121 रनों की पारी खेली।
इंडिया टीम के लिए सबसे बड़ी कमजोर कड़ी बैटिंग में टॉप ऑर्डर का फ्लॉप परफॉर्मेंस रहा है। ओपनर शुभमन गिल दोनों पारियों में नहीं चल सके। कप्तान रोहित खुद भी दोनों पारियों में एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके। विराट कोहली भी मैच विनिंग पारी नहीं खेल सके। चेतेश्वर पुजारा, जो पिछले कुछ समय से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे, वो भी फ्लॉप नजर आए, वहीं अकेले अजिंक्य रहाणे दोनों पारियों में अच्छा प्रदर्शन करते नजर आए।
IPL खेलकर आ रहे भारतीय खिलाड़ियों के साथ इस WTC (ICC World Test Championshi) फाइनल में सबसे बड़ी समस्या एक यह भी रही है कि वो टी20 के जुनून से बाहर नहीं आ सके। खासकर टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में गलत शॉट सेलेक्शन किया और विकेट फेंककर चलते बने। कप्तान रोहित दूसरी पारी में स्वीप शॉट खेलकर आउट हुए, जबकि कोहली ने काफी बाहर की गेंद को छेड़ दिया और कैच आउट हो गए। पुजारा भी बाउंस बॉल को छेड़ बैठे और विकेटकीपर के ऊपर से मारने के चलते कैच आउट हो गए। भारतीय खिलाड़ियों के ऐसे कई शॉट गलत रहे।
टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बॉलर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को इस खिताबी मुकाबले में नहीं खिलाया गया। कप्तान और कोच ने अश्विन को प्लेइंग-11 में मौका नहीं दिया। उनका यह फैसला शुरुआत से ही काफी सुर्खियों में रहा। सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों ने इस फैसले की जमकर आलोचना की।अगर अश्विन को मौका दिया जाता, तो इस मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। बता दें कि ओवल की पिच आखिरी के 3 दिनों में स्पिनर की मददगार दिख रही थी। पहली पारी में 1 विकेट लेने वाले स्पिनर रवींद्र जडेजा ने दूसरी पारी में 3 विकेट झटके थे। ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन को भी पहली पारी में 1 ही विकेट मिला था, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने भी फिरकी का कमाल दिखाया और 4 पड़े विकेट झटके थे।
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