भारतीय घरेलू हॉकी में अच्छी गहराई और गुणवत्ता है: मुख्य कोच फुल्टन

भारतीय घरेलू हॉकी में अच्छी गहराई और गुणवत्ता है: मुख्य कोच फुल्टन

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  • Publish Date - April 19, 2025 / 01:54 PM IST,
    Updated On - April 19, 2025 / 01:54 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय चैंपियनशिप में युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से प्रभावित भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने शनिवार को कहा कि देश की हॉकी में काफी गहराई है और मजबूत ‘बेंच स्ट्रेंथ’ वाली टीम बनाने के लिए अगले 18 महीने महत्वपूर्ण होंगे।

फुल्टन को हाल में समाप्त हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान भारत की क्षेत्रीय प्रतिभा को जानने और समझने का मौका मिला।

फुल्टन ने कहा, ‘‘जब हमने अपनी मजबूती पर जोर दिया तो मैच काफी करीबी रहे। भारतीय हॉकी में काफी गहराई है विशेषकर गोलकीपिंग और कुछ अन्य क्षेत्रों में जिसे देखना बहुत अच्छा था। उन खिलाड़ियों को पहचानना भी उत्साहजनक था, जिन्होंने पहले लीग में भाग नहीं लिया था।’’

मुख्य कोच ने क्षेत्रीय टीमों के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि जहां विजेता पंजाब का मजबूत पक्ष अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मौजूदगी था, वहीं शीर्ष चार टीमों ने कुल मिलाकर अच्छे संतुलन और गुणवत्ता का प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ क्षेत्र निश्चित रूप से दूसरों की तुलना में मजबूत थे। उदाहरण के लिए, पंजाब सबसे अधिक संख्या में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ उतरा था जिसका उसे फायदा मिला। इसके अलावा शीर्ष चार टीमों में प्रतिभा का अच्छा संतुलन था।’’

फुल्टन ने एशिया कप चक्र के लिए एक नए कोर ग्रुप के गठन के संदर्भ में कहा कि उनका ध्यान खिलाड़ियों की उम्र पर नहीं बल्कि विशिष्ट भूमिकाओं के लिए सही खिलाड़ियों को खोजने पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिक युवा खिलाड़ियों को लाने के बारे में नहीं है। यह उचित भूमिकाओं के लिए सही खिलाड़ियों की पहचान करने से जुड़ा है।’’

फुल्टन ने कहा, ‘‘हम जल्द ही एक अभ्यास शिविर आयोजित करने जा रहे हैं जिसमें 54 खिलाड़ी भाग लेंगे। इनमें से 40 खिलाड़ियों का एक कोर ग्रुप तैयार किया जाएगा। हम खेल के प्रत्येक विभाग में मजबूती चाहते हैं। अगले 18 महीने मजबूत बेंच स्ट्रेंथ वाली टीम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे खिलाड़ी चाहते हैं जो मैन-टू-मैन और डिफेंस दोनों के खिलाफ गेंद को प्रभावी ढंग से मूव कर सकें, समझदारी से विरोधी टीम पर दबाव बना सकें और अगर टीम पर दबाव है तो उससे बाहर निकल सकें।’’

भाषा

पंत आनन्द

आनन्द