भारत की चयन रणनीति: संजू की जगह जितेश, अर्शदीप-कुलदीप को एक साथ फिट करना मुश्किल

भारत की चयन रणनीति: संजू की जगह जितेश, अर्शदीप-कुलदीप को एक साथ फिट करना मुश्किल

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  • Publish Date - December 10, 2025 / 04:26 PM IST,
    Updated On - December 10, 2025 / 04:26 PM IST

(भरत शर्मा)

मुल्लांपुर (न्यू चंडीगढ़), 10 दिसंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया में खेले गए आखिरी तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में जितेश शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल करना अगर प्रयोग जैसा लग रहा था तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के पहले मैच में अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन पर उन्हें प्राथमिकता देना अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट करता है।

सैमसन की जगह निचले क्रम के किसी विशेषज्ञ फिनिशर को तरजीह देने के लिए थिंक टैंक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सैमसन को शुभमन गिल की वापसी के बाद बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष स्थान से हटा दिया गया था, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। तब से वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

जितेश टीम में फिनिशर की अपनी भूमिका को अपनी रोजी-रोटी मानते हैं। अगर वह दक्षिण अफ्रीका और उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली श्रृंखला में खराब प्रदर्शन नहीं करते हैं तो यह तय है कि वह टी20 विश्व कप में शुरुआती मैचों में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाएंगे।

इस समय टीम में विकेटकीपर के विकल्पों के लिए सैमसन और जितेश के अलावा किसी और के नाम पर विचार करना भी मुश्किल है। क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर सैमसन को शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता है तो फिर निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले जितेश को ही टीम में रखना सही होगा।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह सही फैसला है। अगर संजू बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष तीन में शामिल नहीं है और विकेटकीपर मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर रहा है तो आप शीर्ष क्रम के बल्लेबाज की बजाय निचले क्रम के किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज को टीम में रखना पसंद करेंगे। हर खिलाड़ी के लिए दो या चार गेंदों के लिए बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता। जितेश इस मामले में विशेषज्ञ हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप से पहले भारत को नौ मैच खेलने हैं। मुझे टी20 विश्व कप से पहले ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं लगती।’’

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में खेलने वाली टीम से यह भी संकेत मिला कि दो प्रमुख गेंदबाज अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव एक साथ अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं हो सकते हैं क्योंकि टीम प्रबंधन आठवें नंबर तक अच्छे बल्लेबाज को रखने के पक्ष में है।

अर्शदीप को संयुक्त अरब अमीरात में स्पिन गेंदबाजों के लिए अनुकूल विकेट पर अधिकतर मैच में बाहर बैठना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में भी पांच मैच में से तीन मैच में उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी।

लेकिन कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में अर्शदीप को मौका मिला और इस प्रारूप में भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाजी करते हुए एक बार फिर टीम को शुरुआती विकेट दिलाए।

इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने की क्षमता का मुकाबला सबसे छोटे प्रारूप में भी करना मुश्किल है। अर्शदीप के टीम में होने के कारण एक और मैच विजेता कुलदीप यादव को बाहर बैठना पड़ा।

दासगुप्ता ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है (अर्शदीप और कुलदीप में से किसी एक को चुनना)। जिस तरह से अर्शदीप गेंदबाजी कर रहे हैं आपको उनका चयन करना ही होगा। वह इस प्रारूप में देश की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अच्छा होता अगर दोनों को टीम में जगह मिलती लेकिन ऐसा संभव नहीं लगता है।’’

भाषा पंत नमिता

नमिता