लोकेश राहुल को अंतिम एकादश में पृथ्वी की जगह लेनी चाहिए: गावस्कर | Lokesh Rahul should replace Prithvi in last decade: Gavaskar

लोकेश राहुल को अंतिम एकादश में पृथ्वी की जगह लेनी चाहिए: गावस्कर

लोकेश राहुल को अंतिम एकादश में पृथ्वी की जगह लेनी चाहिए: गावस्कर

लोकेश राहुल को अंतिम एकादश में पृथ्वी की जगह लेनी चाहिए: गावस्कर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: December 21, 2020 1:02 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर चाहते हैं कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 दिसंबर से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में खराब फॉर्म में चल रहे पृथ्वी साल की जगह लोकेश राहुल पारी का आगाज करें।

पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर चाहते हैं कि शुभमन गिल मध्यक्रम में खेलें।

गावस्कर ने भारतीय अंतिम एकादश में संभावित बदलाव पर यूट्यूब चैनल ‘स्पोर्ट्स तक’ पर कहा, ‘‘भारत दो बदलाव कर सकता है। पहला सलामी बल्लेबाज के रूप में पृथ्वी साव की जगह लोकेश राहुल को मौका दिया जा सकता है। पांचवें या छठे नंबर पर शुभमन गिल को आना चाहिए। वह अच्छी फॉर्म में है। अगर हम अच्छी शुरुआत करते हैं तो चीजें बदल सकती हैं।’’

गावस्कर ने कहा कि अगर भारत सकारात्मक रवैया नहीं अपनाता है तो टीम को 0-4 से हार का सामना करना पड़ सकता है।

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘भारत को विश्वास रखना होगा कि वे टेस्ट श्रृंखला के बाकी मैचों में वापसी कर सकते हैं। अगर भारत सकारात्मक रवैया नहीं अपनाता है तो श्रृंखला 0-4 से गंवा सकता है। लेकिन अगर वे सकारात्मक रवैया अपना सकते हैं तो क्यों नहीं अपनाएं। ऐसा हो सकता है (वापसी)।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को मेलबर्न टेस्ट में अच्छी शुरुआत करनी चाहिए, यह उनके लिए जरूरी है कि वे काफी सकारात्मकता के साथ मैदान पर उतरें। आस्ट्रेलिया का कमजोर पक्ष उसकी बल्लेबाजी है।’’

गावस्कर का मानना है कि पहले टेस्ट में भारतीय पारी के 36 रन पर सिमटने के बाद प्रशंसकों के बीच नराजगी स्वाभाविक है।

गावस्कर को साथ ही मलाल है कि भारतीय टीम ने पहले टेस्ट में काफी कैच छोड़े जिससे टीम सिर्फ 53 रन की बढ़त हासिल कर पाई।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम कैच लपक लेते और सही जगह पर क्षेत्ररक्षक खड़े करते तो शायद कोई समस्या नहीं होती, टिम पेन और मार्नस लाबुशेन जल्दी आउट हो जाते।’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘हम 120 रन की बढ़त हासिल कर सकते थे। आस्ट्रेलिया इन टपकाए गए कैचों के कारण वापसी करने में सफल रहा और भारत की बढ़त को 50 रन तक सीमित कर दिया।’’

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द

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