पगबाधा के फैसले से नहीं, 1981 में ‘दफा हो जाओ’ की टिप्प्णी पर वाकऑउट किया था : गावस्कर

पगबाधा के फैसले से नहीं, 1981 में ‘दफा हो जाओ’ की टिप्प्णी पर वाकऑउट किया था : गावस्कर

पगबाधा के फैसले से नहीं, 1981 में ‘दफा हो जाओ’ की टिप्प्णी पर वाकऑउट किया था : गावस्कर
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: January 1, 2021 2:00 pm IST

मेलबर्न, एक जनवरी (भाषा) सुनील गावस्कर ने 1981 के मेलबर्न टेस्ट के दौरान विवादास्पद वॉकआउट पर अब स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि वह अपने खिलाफ पगबाधा के फैसले के कारण नहीं बल्कि आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की ‘दफा हो जाओ’ की टिप्पणी से आपा खो बैठे थे और अपने साथी सलामी बल्लेबाज के साथ मैदान से बाहर चले गये थे।

यह श्रृंखला अंपायरों के कुछ असंगत फैसलों के कारण विवादों में रही थी। डेनिस लिली की लेग कटर पर गावस्कर को अंपायर रेक्स वाइटहेड ने पगबाधा आउट दे दिया था। वाइटहेड का यह अंपायर के रूप में केवल तीसरा टेस्ट मैच था।

गावस्कर को लगा था कि गेंद ने उनके बल्ले को स्पर्श किया तथा उन्होंने फैसले का विरोध किया और क्रीज पर डटे रहे।

 ⁠

गावस्कर ने अब इस घटना को नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने 7क्रिकेट से कहा, ‘‘यह गलतफहमी है कि मैं पगबाधा के फैसले से नाराज था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हां फैसला निराशाजनक था लेकिन मैंने वॉकआउट केवल इसलिए किया क्योंकि जब मैं पवेलियन लौटते हुए चेतन (चौहान) के पास से गुजर रहा था तो आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने मुझ पर छींटाकशी की। उन्होंने मुझे कहा दफा हो जाओ और तभी मैं वापस लौटा और मैंने चेतन को अपने साथ चलने को कहा।’’

गावस्कर ने अपना बल्ला पैड पर भी मारा था ताकि अंपायर उनकी नाराजगी को समझ सकें। उन्होंने उस पारी में 70 रन बनाये जो उस श्रृंखला में उनका सर्वोच्च स्कोर था। वह इस श्रृंखला की बाकी पारियों में नहीं चल पाये थे और उन्होंने तीन मैचों में केवल 118 रन बनाये थे।

गावस्कर जब बेमन से क्रीज छोड़कर जा रहे थे तो रिपोर्टों के अनुसार लिली ने कोई टिप्पणी की थी और इस भारतीय बल्लेबाज ने वापस लौटकर साथी सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान को भी वापस चलने का निर्देश दे दिया।

चौहान ने उनकी बात मान ली लेकिन सीमा रेखा पर टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी और सहायक मैनेजर बापू नाडकर्णी बल्लेबाजों से मिले और उनके कहने पर चौहान वापस क्रीज पर लौटे।

गावस्कर ने कहा, ‘‘गेंद ने मेरे बल्ले का किनारा लिया था। आप फारवर्ड शार्ट लेग के क्षेत्ररक्षक को देख सकते थे। उसने कोई अपील नहीं की थी। वह अपनी जगह से हिला भी नहीं था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘डेनिस (लिली) ने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे पैड पर गेंद मारी है और मैं यह कहने की कोशिश कर रहा था, नहीं मैंने गेंद को हिट किया था। और अब तुम देखो मैंने चेतन को भी अपने साथ वापस लौटने के लिये कहा है। ’’

इससे पूर्व के साक्षात्कारों में गावस्कर ने कहा था कि उन्हें इस तरह के विवादास्पद तरीके से मैदान छोड़ने के अपने फैसले पर खेद है। भारत ने यह मैच 59 रन से जीता था।

भाषा

पंत आनन्द

आनन्द


लेखक के बारे में