नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) शुभमन गिल का भविष्य वास्तव में शनिवार को तय नहीं हुआ था जब बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा की क्योंकि उनका भविष्य तो बुधवार को ही तय हो गया था जब घने कोहरे के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथा टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच रद्द कर दिया गया।
बीसीसीआई के एक सूत्र के अनुसार यह फैसला उसी दिन ले लिया गया था कि गिल को टी20 विश्व कप टीम में नहीं चुना जाएगा। हालांकि शनिवार सुबह तक न तो चयन समिति के अध्यक्ष ने उन्हें इसकी जानकारी दी थी और न ही कप्तान सूर्यकुमार यादव या मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उनसे इस बारे में बात की।
कप्तान सूर्यकुमार का पिछले एक साल का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है, जहां उन्हें राहत मिल गई, वहीं गिल को इस तरह से बाहर किया जाना स्वाभाविक रूप से निराशाजनक लग सकता है।
जैसे ही यह खबर फैली कि बल्लेबाजी के दौरान गिल के पैर के अंगूठे में चोट लगी है तभी यह साफ हो गया था कि कुछ ठीक नहीं है तथा गंभीर और सूर्यकुमार की अगुआई वाला टीम प्रबंधन गिल के स्थान को लेकर आगे बढ़ चुका है।
अगर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों की मानें तो टीम प्रबंधन ने पहले ही उपकप्तान को बाहर करने का फैसला कर लिया था जबकि गिल अहमदाबाद मैच खेलना चाहते थे क्योंकि चोट इतनी गंभीर नहीं थी।
टीम से बाहर करने के लिए यह भारतीय उपकप्तान के लिए पहला संकेत था क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैच में कुल 32 रन बनाए थे।
शुरुआत में मेडिकल टीम को ‘हेयरलाइन फ्रैक्चर’ की आशंका थी लेकिन बाद में स्कैन में पता चला कि यह सिर्फ एक चोट थी और वह दर्द निवारक दवाओं के सहारे अहमदाबाद मैच खेल सकते थे।
एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता ने पीटीआई से कहा, ‘‘अगर इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के आधार पर एशिया कप के लिए उन्हें उपकप्तान बनाना गलत फैसला था, विशेषकर तब जब संजू सैमसन ने कुछ भी गलत नहीं किया था तो टी20 विश्व कप से सिर्फ पांच मैच पहले उन्हें बाहर करना यह दिखाता है कि यह अगरकर की चयन समिति द्वारा गलती सुधारने के लिए उठाया गया कदम है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘और इस फैसले पर मुख्य कोच की छाप ज्यादा दिखती है जो निरंतरता बनाए रखने के लिए मशहूर नहीं है। ’’
अगर चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर की बातों पर ध्यान दिया जाए तो वह भी इस फैसले को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखे क्योंकि वह लंबे समय से पंजाब के इस बल्लेबाज को हर प्रारूप में भारत का संभावित कप्तान मानते रहे हैं।
गिल और सूर्यकुमार के रिकॉर्ड पर सरसरी नजर डालें तो मोहाली के इस स्टाइलिश बल्लेबाज के पास खुद को ठगा हुआ महसूस करने के पूरे कारण हैं।
गिल ने 2025 में 15 पारियों में 291 रन बनाए हैं, उनका स्ट्राइक रेट 137 से अधिक रहा है जबकि सूर्यकुमार ने 19 पारियों में 123.2 के स्ट्राइक रेट से 218 रन बनाए हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद उनका सबसे खराब प्रदर्शन है।
इसके अलावा भारतीय टीम के गलियारों में यह भी चर्चा है कि कप्तान की दाहिनी कलाई पूरी तरह ठीक नहीं है।
दो खिलाड़ी खराब फॉर्म में थे और राष्ट्रीय चयन समिति को किसी एक को बाहर करना था। ऐसे मामलों में अक्सर कप्तान को इससे दूर रखा जाता है।
इसी वजह से कप्तान होने के नाते सूर्यकुमार अपनी जगह बचाने में सफल रहे जबकि गिल को इसकी कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि अभिषेक शर्मा के साथ पारी का आगाज करते हुए उनका प्रभाव उतना दमदार नहीं दिखा।
यह भी नहीं भूलना चाहिए कि गिल अभी दो अन्य प्रारूपों में भारत के कप्तान हैं और यह फैसला भारतीय ड्रेसिंग रूम में अविश्वास का माहौल पैदा कर सकता है।
क्या इस तरह से अचानक अपमानजनक तरीके से बाहर किए जाने के बाद गिल और गंभीर के बीच तालमेल बना रहेगा?
अगर सूर्यकुमार रन नहीं बना पाए तो वह सिर्फ ड्रेसिंग रूम में ही नहीं बल्कि अंततः टीम में अपनी जगह भी गंवा देंगे क्योंकि जो लोग गंभीर को जानते हैं, उन्हें पता है कि उनके लिए ‘‘जीत सब कुछ नहीं, बल्कि सिर्फ जीत ही सब कुछ है। ’’
आज गिल बाहर हुए हैं तो कल सूर्यकुमार की बारी भी आ सकती है।
भाषा नमिता आनन्द
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