पैरालंपिक में भाग लेने की ख्वाहिश थी, पदक जीतना वरदान की तरह: नागर |

पैरालंपिक में भाग लेने की ख्वाहिश थी, पदक जीतना वरदान की तरह: नागर

पैरालंपिक में भाग लेने की ख्वाहिश थी, पदक जीतना वरदान की तरह: नागर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : September 5, 2021/6:15 pm IST

तोक्यो, पांच सितंबर (भाषा) भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने रविवार को कहा कि वह पैरालंपिक खेलों में भाग लेकर ही सातवें आसमान पर थे लेकिन रविवार को इसमें पदक जीतना उनके लिए किसी वरदान की तरह है।

दूसरे वरीय नागर ने हांगकांग के चू मैन काई को पुरुषों की एकल एसएच6 क्लास के तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में शिकस्त दी। नागर को छोटे कद का विकार है।

जयपुर के नागर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 21-17 16-21 21-17 से हराया। इस तरह वह बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने की सूची में हमवतन प्रमोद भगत के साथ शामिल हो गये।

इस 22 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ ओलंपिक या पैरालंपिक पदक बहुत बड़ी चीज है। हमने वादा किया था कि हम पांच-छह पदक जीतेंगे और हमने चार पदक जीते हैं। एक या दो प्रदर्शन थोड़ा ऊपर और नीचे रहा लेकिन हम आने वाले प्रतियोगिताओं में उस मोर्चे पर सुधार करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा एक बड़ी उपलब्धि है और हमने पहले सत्र (बैडमिंटन को पहली बार पैरालंपिक खेलों में शामिल किया गया है) में ही पदक जीते है। हम भाग्यशाली है, यह एक बड़ी उपलब्धि है।’’

फाइनल के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी मानसिकता थी कि मुझे सकारात्मक रहना है। मैंने मैच के दौरान ज्यादा गलतियां नहीं की लेकिन दूसरे गेम में जब थोड़ा नकारात्मक हो गया था तब दबाव में आ गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा गेम गंवाने के बाद मैं तीसरे गेम में मैंने वापसी की और फिर मेरे लिये चीजों ठीक रही।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers