लॉकडाउन में जरूरत के समय मैच फिनिश करने में महारत हासिल करने पर काम किया: पंड्या

लॉकडाउन में जरूरत के समय मैच फिनिश करने में महारत हासिल करने पर काम किया: पंड्या

लॉकडाउन में जरूरत के समय मैच फिनिश करने में महारत हासिल करने पर काम किया: पंड्या
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: December 6, 2020 2:06 pm IST

सिडनी, छह दिसंबर (भाषा) भारतीय हरफनमौला हार्दिक पंड्या ने रविवार को यहां कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जरूरत के समय मैच फिनिश करने में महारत हासिल करने पर काम किया।

पंड्या ने 22 गेंद में 42 रन की आक्रामक पारी खेलकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की छह विकेट की जीत में अहम भूमिका निभायी। उनकी मदद से मेहमान टीम ने अंतिम ओवर में 14 रन बनाकर तीन मैचों की टी20 श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।

पंड्या ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान मैं जरूरत के समय मैच फिनिश करने पर ध्यान लगाना चाहता था। यह मायने नहीं रखता कि मैं ज्यादा रन जुटाऊं या नहीं। ’’

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यह आल राउंडर रविवार को एससीजी में बनी परिस्थितियों के लिये नया नहीं था, उन्होंने पिछले कुछ मैचों में ऐसे ही हालात में कुछ में जीत दिलायी जबकि कुछेक में हार का भी सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कई दफा ऐसी स्थितियों में हो चुका हूं और मैंने अपनी गलतियों से सीख ली। मैं आत्मविश्वास के साथ खेलता हूं और इससे खुद को प्रेरित करता हूं और अति आत्मविश्वासी नहीं बनता। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा उस समय को याद रखता हूं जब हमने बड़े स्कोर का पीछा किया और इससे मदद मिलती है। ’’

‘मैन आफ द मैच’ पंड्या ने पदार्पण करने वाले तेज गेंदबाज डेनियल सैम्स पर दो छक्के जमाये जिससे भारत ने दो गेंद रहते जीत हासिल की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैच के दौरान वे क्या करते हैं, इस पर ध्यान देने के बजाय मैं क्या कर सकता हूं, इस पर ध्यान देता हूं। यह दो बड़े शॉट की बात थी और आज ऐसा हो गया। मैं हमेशा खुद पर भरोसा रखता हूं। यह ऐसे हालात हैं जिसमें मैं हमेशा खेला हूं। टीम को जिस चीज की भी जरूरत होती है, मैं हमेशा ऐसा करने की कोशिश करता हूं। ’’

पंड्या ने कहा, ‘‘यह बहुत सरल चीज है। मैं स्कोरबोर्ड को देखकर खेलना चाहता हूं ताकि मैं जान सकूं कि कौन से गेंदबाज को निशाना बनाया जाये। ’’

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द


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