कठिनाइयों से भरा रहा अंडर 19 के इस खिलाड़ी का सफर.. कभी भूखा सोया तो कभी बेची पानीपूरी

कठिनाइयों से भरा रहा अंडर 19 के इस खिलाड़ी का सफर.. कभी भूखा सोया तो कभी बेची पानीपूरी

कठिनाइयों से भरा रहा अंडर 19 के इस खिलाड़ी का सफर.. कभी भूखा सोया तो कभी बेची पानीपूरी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: July 4, 2018 11:37 am IST

मुंबई। आपकी राह में आने वाली हर कठिनाइ तब छोटी हो जाती है, जब आप हार मानना छोड़ देते हैं। कुछ दिन पहले ही भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन किया गया था। इस दौरान अंडर 19 टीम में जगह बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर काफी सुर्खियों में बने रहे, लेकिन अब इसी टीम से एक और खिलाड़ी का नाम सुर्खियों में बना हुआ है। इस खिलाड़ी का नाम है यशस्वी जायसवाल।

अंडर 19 टीम में शामिल होने तक का सफर यशस्वी के लिए काफी कठिनाइयों से भरा रहा लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी, और हमेशा अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहे। यशस्वी ने क्रिकेटर बनने का सपना महज 11 साल की उम्र में देखा और वो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मुंबई आ गए। इस दौरान वो आजाद मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्लब में रहे।

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यशस्वी को उनके पिता खर्चा भेजा करते थे लेकिन जब वो पैसे कम पड़ते थे तब उन्होंने कभी आजाद मैदान में  पानीपूरी बेची, इतना ही नहीं वो कई दिनों तक भूखे पेट टेंट में सोए। यशस्वी बताते हैं कि जब वो आजाद मैदान में पानीपूरी बेचते थे तब उन्हें एक ही डर लगता था कि उनका कोई टीम मेट या जानने वाला उन्हें ऐसा करते ना देख लें।

अपने संघर्ष से कभी भी हार न मानने वाले इस खिलाड़ी ने अपने खेल से कोच को प्रभावित किया,  मुंबई टीम के अंडर -19 कोच सतीश सामंत यशस्वी के खेल से खासा प्रभावित हैं और उन्हें यकीन है कि वह एक दिन मुंबई के सबसे सफल क्रिकेटरों में से एक कहलाएगा।

बताते चलें कि यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह हैं, जिन्होंने अपनी क्रिकेट अकादमी की शुरुआत 2011 में की थी। आजाद मैदान में यशस्वी के खेल से प्रभावित हुए ज्वाला सिंह ने उनके खेल को निखारने का काम किया है। खुद क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई आए ज्वाला सिंह अपना सपना पूरा नहीं कर पाए लेकिन अब कई बच्चों के सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं।

वेब डेस्कIBC24


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