तिरुपति (सु) लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में 60 से 64 प्रतिशत मतदान

तिरुपति (सु) लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में 60 से 64 प्रतिशत मतदान

तिरुपति (सु) लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में 60 से 64 प्रतिशत मतदान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: April 17, 2021 5:42 pm IST

अमरावती, 17 अप्रैल (भाषा) तिरुपति (सु) लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में करीब 60-64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। वहीं, विपक्षी दलों ने व्यापाक पैमाने पर फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए उपचुनाव रद्द करने की मांग की।

निर्वाचन आयोग ने फर्जी मतदान को लेकर दावे सुने लेकिन अपना रुख नहीं रखा।

हालांकि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के विजयानंद ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने चित्तूर और एसपीएस नेल्लोर जिलों के जिलाधिकारियों को फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। तिरुपति लोकसभा क्षेत्र चित्तूर और एसपीएस नेल्लोर जिलों में फैला हुआ है।

 ⁠

राज्य के पुलिस महानिदेशक डी जी सवांग ने हालांकि एक बयान में दावा किया कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण माहौल में जारी रही और हर किसी ने अपने मताधिकार का ‘‘निडरतापूर्वक’’ इस्तेमाल किया।

विपक्षी दलों ने पुलिस महानिदेशक की बयान को लेकर आलोचना की और कहा कि इससे मुख्यमंत्री के प्रति उनकी निष्ठा ही प्रतिबिंबित होती है।

राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि मतदान शनिवार सुबह सात बजे शुरू हुआ और पहले दो घंटे में केवल 7.8 प्रतिशत ही मतदान हुआ। अगले दो घंटे में यह बढ़कर 17.39 प्रतिशत और शाम पांच बजे तक 54.99 प्रतिशत हो गया तथा बाद में यह बढ़कर 60 से 64 प्रतिशत तक पहुंच गया।

अंतिम मतदान प्रतिशत बाद में आने की उम्मीद है।

विपक्षी दलों-तेलुगू देशम, भाजपा, जनसेना और कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए उपचुनाव तत्काल रद्द करने की मांग की कि सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस ने व्यापक पैमाने पर फर्जी मतदान कराया, विशेष तौर पर मंदिर नगर तिरुपति में।

तेदेपा और भाजपा के उम्मीदवारों पानाबाका लक्ष्मी और के रत्न प्रभा ने खुद उन कुछ फर्जी मतदाताओं को पकड़ा और उन्हें पुलिस को सौंप दिया जो तिरुपति के कुछ मतदान केंद्रों में फर्जी मतदाता पहचान पत्र लिए हुए थे।

तिरुपति की पूर्व विधायक सुगनम्मा ने तिरुपति शहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने यह प्रदर्शन तब किया जब एक बस को रोका गया जिसमें कथित तौर पर अन्य मंडलों के कई फर्जी मतदाता थे और उनसे कई फर्जी पहचान पत्र जब्त किए गए।

कांग्रेस उम्मीदवार चिन्ता मोहन ने भी आरोप लगाया कि वाईएसआरसी अन्य स्थानों से हजारों लोगों को तिरुपति में फर्जी वोट डालने के लिए लेकर आई।

राज्य के पंचायती राज मंत्री पी आर सी रेड्डी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वाईएसआरसी को ऐसी युक्ति अपनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि पार्टी की इस उपचुनाव में जीत निश्चित है।

उन्होंने दावा किया कि बसों में जिन्हें रोका गया, वे वास्तव में ‘‘तीर्थयात्री और पर्यटक’’ थे जो वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दर्शन करने आए थे। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि इन लोगों ने बड़ी संख्या में मतदाता पहचान पत्र क्यों लिए हुए थे।

तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा और कहा कि उसने ‘‘लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमें ऐसे चुनावों की आवश्यकता क्यों है? फर्जी मतदाताओं को तिरूपति में लाया गया। पुलिस ने उन्हें कैसे अनुमति दी?’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भी लिखा और ‘‘तिरुपति में बाहरी लोगों की आमद’’ और फर्जी मतदान को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने उन्हें एक और पत्र लिखा जिसमें मांग की गई कि वाईएसआर कांग्रेस द्वारा किए गए ‘‘उल्लंघनों’’ के मद्देनजर तिरुपति में नए सिरे से मतदान कराने का आदेश दिया जाए।

नायडू ने आरोप लगाया, ‘‘वाईएसआरसी हजारों बाहरी लोगों को लायी जिन्होंने मृतकों, बाहर चले गए और अनुपस्थित मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोटर आईडी कार्ड का उपयोग करके वोट डाले।’’

वाईएसआरसी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद एन सुरेश के नेतृत्व में यहां सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप में तेदेपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

तेदेपा महासचिव वरला रमैया ने बाद में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक अर्जी देकर वाईएसआरसी द्वारा किए गए ‘‘उल्लंघनों’’ को सूचीबद्ध किया और अपने दावों के समर्थन में वीडियो फुटेज प्रस्तुत की।

भाषा. अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में