हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का शुरू हुआ कायाकल्प, दो साल पहले 17 नवजात ने गंवाई थी जान

हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का शुरू हुआ कायाकल्प, दो साल पहले 17 नवजात ने गंवाई थी जान

हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का शुरू हुआ कायाकल्प, दो साल पहले 17 नवजात ने गंवाई थी जान
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: January 19, 2020 9:26 am IST

इंदौर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो साल पहले करोड़ों की लागत से किए गए कायाकल्प के बाद भी व्यवस्था सुधर नहीं पाई है। लिहाजा, अब एक बार फिर से एम वाय अस्पताल में व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों के काम किए जा रहे हैं।

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पहले बर्न यूनिट को व्यवस्थित करने के बाद अब नए सिरे से ऑक्सीजन गैस सप्लाई का सिस्टम लगाया जाएगा। इसके लिए 13 करोड़ 97 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। हालाकि ये कवायद भी हाइकोर्ट की फटकार के बाद की जा रही है। क्योंकि दो साल पहले ऑक्सीजन की कमी की वजह से 17 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।

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इस मामले में हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की गई। हाइकोर्ट ने व्यवस्था को सुधारने के लिए अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब किया था। इस पर अब अस्पताल प्रबंधन ने कोर्ट में नए गैस सप्लाई सिस्टम की जानकारी दी है। इसके अलावा अस्पताल में आए दिन डॉक्टर्स के साथ होने वाली मारपीट की घटना और सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसी को भी बदला गया है।

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अधिकारियों के मुताबिक एम वाय अस्पताल में वैसे तो पूर्व के सालों में कई कामों को किया गया है। लेकिन मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए और भी ज्यादा सुविधा बढ़ाने की जरुरत है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com