राजधानी रायपुर में बुजुर्गां के लिए एक अनूठा कांसेप्ट लेकर आई है छत्तीसगढ़ सरकार। जी हां जहां बैठ कर बुजुर्ग अपना समय बिता सकते हैं वो भी अपने दोस्तों के साथ ,सुन कर ही आपको ख़ुशी मिल रही है तो सोचिये उन बुजुर्गो को कितना सुकून मिल रहा होगा जो घर पर अपने हिसाब से टी वी पर समाचार नहीं देख पाते और न ही अपने दोस्तों के साथ बैठ कर कुछ गपशप कर पाते थे। इस अनूठे कांसेप्ट का नाम है बापू की कुटिया इस कुटिया का काम होगा बुजुर्गो को दो पल का सुकून देना।आपको बता दें कि शहर के विभिन्न हिस्सों में ऐसी 50 कुटिया बनाई जाएंगी। बापू की कुटिया में लूडो, शतरंज, कैरम बोर्ड, टीवी, म्यूजिक सिस्टम, पत्र-पत्रिकाएं होंगी साथ ही बैठने की बढ़ियां व्यवस्था भी.
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कलेक्टर ओपी चौधरी ने बताया कि व्यस्त लाइफ के इस दौर में बुजुर्ग एकाकी महसूस कर रहे हैं। उनके मनोरंजन के लिए कोई साधन नहीं होते। आम आदमी भी यही चाहते हैं कि उनके माता पिता अपना समय सुकून से काटे ऐसे में बापू की कुटिया उनके लिए बेहतर विकल्प होगा। वें वहां आराम से दो-चार घंटा बिता सकते हैं. पत्र-पत्रिकाओं से रोज की खबरों से अपडेट हो सकते हैं। वहीं, उनके लिए कुटिया में गेम एवं मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध रहेंगे। एक-दूसरे से वे अपने अनुभव को शेयर कर सकेंगे।
बताया जा रहा है इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि बापू की कुटिया तक पहुंचने के लिए जगह बुजुर्गों को बहुत अधिक चलना न पड़े सिर्फ आधा से एक किलोमीटर का फासला तय कर वे उस जगह पहुंच जाये इस बात को प्राथमिकता दी गयी है।सभी कुटिया पांच सौ से छह सौ फुट की होगी इसकी सीटिंग अरेंजमेंट ऐसी की जा रही है कि 40 से 50 बुजुर्ग एक समय में बैठ सकें। बेहतर ढंग से संचालन हो सकें, इसलिए इसे गैर सरकारी हाथों में दिया जा रहा है। जिला प्रशासन इसमें वन टाईम इंवेस्टमेंट करके समाजसेवी संस्थाओं को संचालन के लिए दे देगी।
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इसके लिए ऐसी समाजिक संस्थाओं की लिस्टिंग की जा रही है, जिनका रिकार्ड बेस्ट हो।पहली बापू की कुटिया का उद्घाटन कलेक्ट्रेट गार्डन में होना है साढ़े छह सौ फुट में बनें इस कुटिया का मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह 27 जनवरी को लोकार्पण करेंगे। देश में अपने आप में यह पहला कांसेप्ट होगा.
वेब टीम IBC24