बिलासपुर। छत्तीसगढ़ ने अपना एक और बेहतरीन नगीन खो दिया है छत्तीसगढ़ी लोकगीतों को अपनी आवाज से चरम तक पहुंचाने वाला एक चिराग आज हमेशा के लिए बुझ गया. प्रदेश की प्रसिद्ध भरथरी लोक गायिका सुरूज बाई खांडे का निधन हो गया है. सुरूजबाई ने बिलासपुर के एक निजी अस्पातल में अंतिम सांस ली है.
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सुरुज बनाई ने कई देशों में भरथरी लोक गायन की प्रस्तुति दी और छत्तीसगढ़ लोक गायिकी को विश्व स्तर पर अलग पहचान दिलाई. सुरूज बाई को देवी अहिल्याबाई पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.
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भरथरी छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोक गीत है और अपना जीवन सूरूज बाई खांडे ने लोक कला को समर्पित किया। सात साल की उम्र से भरथरी गाने की शुरुआत अपने नाना स्वर्गीय राम साय घितलहरे के मार्गदर्शन में किया था उन्होंने 60 साल से अधिक उम्र के बाद भी भरथरी गा रहीं थी।
वेब डेस्क, IBC24