मध्यप्रदेश में अमित शाह के दौरे के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है..पार्टी अब हर विधानसभा में समयदानी कार्यकर्ता नियुक्त करेगी..जिसे पार्टी के प्रचार प्रसार करने के लिए एक बाइक सौंपी जाएगी..जो भी समयदानी कार्यकर्ता नियुक्त होगा उसके खर्च की जिम्मेदारी मंत्रियों और विधायकों को सौंप दी गई है। समयदानी कार्यकर्ता को पार्टी ने दूसरा नाम भी दिया है, इन्हें विस्तारक के नाम पर भी जाना जाएगा।
विस्तारक का काम पार्टी को पोलिंग बूथ पर जाकर मजबूत करना होगा…इसके लिए पोलिंग बूथ को ।,ठ और ब् तीन कैटेगिरी में बांटा गया है…साथ ही अगले साल यानी 31 जनवरी 2018 को गांधी जी की पुण्यतिथि पर बीजेपी 3 लाख मोटरसाइकिलों से रैली निकालेगी, जिसका जिम्मा इन्हीं समयदानी कार्यकर्ताओं पर रहेगा..समयदानी कार्यकर्ताओं को अपने साथ हर बूथ से पांच बाइकें लानी होगी और हर बाइक पर दो कार्यकर्ता सवार रहेंगे।
230 विधानसभा, 230 समयदानी कार्यकर्ता और 230 मोटर साइकिलें…इसी रणनीति पर लड़ा जाएगा मिशन 2018 का चुनाव..लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये समयदानी कार्यकर्ता, उन जगहों पर बीजेपी की नैया पार लगा पाएंगे..जहां पार्टी अंदरूनी कलह का शिकार है।